बच्चों को शिक्षा की बजाय सिखाई जाती है गालियां!
जिला के गांव गांधरा में सरकारी स्कूल के अंदर बच्चों के साथ गाली गलौज करते हुए एक महिला अध्यापक का वीडियो वायरल हो गया। महिला अध्यापिका बच्चों को किस तरीके से गाली गवा कर रही है की उसे लिखना भी असंभव सा लगता है।
जिला के गांव गांधरा में सरकारी स्कूल के अंदर बच्चों के साथ गाली गलौज करते हुए एक महिला अध्यापक का वीडियो वायरल हो गया। महिला अध्यापिका बच्चों को किस तरीके से गाली गवा कर रही है की उसे लिखना भी असंभव सा लगता है। वीडियो वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी मनजीत मलिक ने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है और इस मामले को लेकर उन्होंने अध्यापिका के खिलाफ जांच कमेटी का गठन किया है अगर उसमें अध्यापिका जोशी पाई जाती है तो उसके खिलाफ विभाग कार्रवाई की जाएगी। हैरानी की बात है कि आरोपी अध्यापिका इतने गंदे शब्दों का विद्यालय में इस्तेमाल कर रही है और वह सुनने के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी का यह कहना कि अगर अध्यापिका दोषी पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वही इस मामले में जब अध्यापिका से बात की गई तो उसने कहा कि पहले बच्चों ने उसके साथ वह शब्द कहे जो बयान नहीं कर सकती लेकिन शिक्षिका ने तब हाथ उतर दी जो अपने ही बयान में एक शब्द ऐसा बोल रही है जो शायद बोलना उसे शोभा नहीं देता।इस मामले में इस बच्चे पर आरोप लगाए गए हैं उसका सॉफ्टवेयर कहना है कि पैसे जमा करने के बाद भी उसके पैसे वापस कर दिए गए और उसके साथ मारपीट की। बच्चा इतना सहम गया कि वो बोलने को तैयार तक नही।
अध्यापिका अपने बचाव में कह रही है की बच्चों ने उसके साथ गाली गलौज किया लेकिन आप वीडियो में देख सकते हैं जो बच्चा अध्यापिका से बात कर रहा है उसे बच्चे का कोई कसर तक नहीं है उसका केवल इतना कसूर है कि उसने सिर्फ यह पूछा अध्यापिका से की मैडम आप गाली किस बात पर दे रही है तो मैडम के बयान आज खुद भी सुन सकते हैं की मैडम ने किस तरीके से भारी क्लास के अंदर बच्चों को किस तरीके से संबोधित किया सबसे बड़ा सवाल यह भी उठना है की जिला शिक्षा अधिकारी यह कह रही है कि मामला उनके संज्ञान में है लेकिन दोषी पाए जाने पर अध्यापिका के खिलाफ विभाग के कार्रवाई की जाएगी क्या जिला शिक्षा अधिकारी को वीडियो देखने के बाद यह सुनाई नहीं दिया कि उन्हें के अधीनस्थ कॉम करने वाली अध्यापिका गालियां नहीं दे रही। इससे तो साफ जाहिर होता है की आखिर में गाज बच्चे पर ही गिरेगी और अध्यापिका को बचाने में पूरा शिक्षा विभाग लगा हुआ है। वैसे तो हरियाणा सरकार दावे करती नही थकती की सरकारी स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जाती है लेकिन धरातल पर बच्चों को कुछ कह जाता है इस ओर सरकार और जिले के अधिकारी आंख मूंदे बैठे है।