अवैध ट्विन टावर की तरह एक और टावर का निर्माण।
नोएडा में ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद भी प्रशासन फिर लापरवाही कर रहा हैं और बिल्डर माफियाओं को भ्रष्टाचार बढ़ाने में कामगार साबित होता हुआ नजर आ रहा है क्योंकि ट्विन टावर की तरह कानून को ताक पर रखकर आजादपुर के भीड़भाड़ वाले इलाके में m2k विक्टोरिया रेजिडेंट सोसाइटी के अंदर 42 मंजिला इमारत बनाने की शुरुआत की गई
Delhi (Riya Sharma) || नोएडा में ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद भी प्रशासन फिर लापरवाही कर रहा हैं और बिल्डर माफियाओं को भ्रष्टाचार बढ़ाने में कामगार साबित होता हुआ नजर आ रहा है क्योंकि ट्विन टावर की तरह कानून को ताक पर रखकर आजादपुर के भीड़भाड़ वाले इलाके में m2k विक्टोरिया रेजिडेंट सोसाइटी के अंदर 42 मंजिला इमारत बनाने की शुरुआत की गई जिसका विरोध विक्टोरिया रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी जोरों शोरों पर हाथ मे तख्ती बेनर ओर काली छतरी लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है।
आपको बता दे कुछ वर्ष पहले सोसाइटी बनकर तैयार हुई थी तो उसमें बहुमंजिला इमारतें बनी थी और सोसाइटी का ग्रीन एरिया और पब्लिक यूज की जगह जो छोड़ी गई थी उसी पब्लिक यूज की जगह में अब आरोप है कि अधिकारियों की मिलीभगत के साथ बिल्डर ने 42 मंजिला एक टावर की शुरुआत कर दी। टावर के बिल्कुल बगल में ही दिल्ली सरकार का स्कूल है और दूसरी तरफ पहले से मौजूद टावर है। आरडब्लूए का कहना है कि मानकों के हिसाब से वह दूरी काफी कम है इसलिए इस टावर का निर्माण नहीं हो सकता। साथ ही सोसाइटी के निवासियों से जो इस नए फेरबदल में जो अनुमति लेनी होती है वह भी नहीं ली गई है। इस तरह के आरोप सोसाइटी की तरफ से है और इसी को लेकर आरडब्ल्यूए का कहना है कि बहुमंजिला इस तरह के टावर बनने के बाद हादसों की वजह बनते हैं और उसे बाद में तोड़ा जाता है उससे अच्छा है कि इस तरह के अवैध निर्माणों को शुरुआत में ही रोक दिया जाए।
जिस तरीके से आजादपुर में भीड़भाड़ वाले इलाके में इस बहुमंजिला इमारत की बनाने की शुरुआत की गई है यदि यह इमारत यहां बनकर तैयार होती है तो नोएडा के ट्विन टॉवर की तरह इस इमारत पर भी लगातार विवाद रहता है। वहीं यदि भविष्य में इस इमारत के निर्माण के बाद इस इमारत को किसी कारणवश ध्वस्त करने की भी आती है तो आने वाले समय में यह इमारत स्थानीय लोगो के लिए काफी बड़ी मुसीबत का सबब बन सकती है। इस इमारत की शुरुआत में ही विरोध प्रदर्शन जोरों शोरों पर हो रहा है । वही विक्टोरिया सोसाइटी में रहने वाले आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों का आरोप है कि प्रशासन की तरफ से इस इमारत को लेकर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है। और ना ही इस इमारत को लेकर जो परमिशन बिल्डर ने ली है उनकी जांच की जा रही है।
फिलहाल इस बारे में बिल्डर की तरफ से कुछ भी पक्ष नहीं रखा गया। सोसाइटी में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने बिल्डर से किसी भी तरह की बात करवाने से मना कर दिया। फिलहाल आरडब्लूए के सभी सदस्यों ने न्यायालय में जाकर टावर पर रोक लगवा दी है और अब अंतिम फैसले का इंतजार है।