आखिर कितना शक्तिशाली और असरदार है आईएनएस विक्रांत?
मौजूदा समय में ऐसे विमानपोत बनाने की क्षमता सिर्फ पांच से छह देशों के पास ही है। अब भारत भी इस सूची में शामिल हो गया है।
P24 News || आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोच्चि से भारत का दूसरा आईएनएस विक्रांत भारतीय नोसेना को सौपने जा रहे है।
प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना में आधिकारिक रूप से शामिल किया जाएगा।
आईएनएस विक्रांत भारत में बना पहला विमानपोत होगा। इसी के साथ भारत भी उन देशो की सूची में शामिल हो जाएगा।
जिनमें खुद का विमानपोत बनाने की क्षमता है। ऐसे में भारत के पास भी चीन के बराबर दो विमानपोत हो जायेंगे और भारतीय
नौसेना की ताकत दोगुना हो जाएगी।
आइये जानते है, क्या खास है आईएनएस विक्रांत में...
आईएनएस विक्रांत भारत में बना पहला विमानपोत है, इस विमानपोत का वजन 45 हजार टन बताया जा रहा है। इसे बनाने में
कुल 13 साल का वक़्त लगा है,आईएनएस विक्रांत के निर्माण की शुरुआत 2009 में की गयी थी। जिसके बाद पहली बार विक्रांत को
अगस्त 2013 में पानी में उतारा गया। इस एयरक्राफ्ट का ट्रायल नवंबर 2020 में शुरू हुआ था। इसके बाद जुलाई 2022 में इसका
समुद्री ट्रायल पूरा हुआ। जिसके बाद इसे भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। इस विमानपोत का लगभग 76 प्रतिशत हिस्सा स्वदेशी पार्ट्स से बना है
और शेष 24 प्रतिशत हिस्से के पार्ट्स अन्य देशो से लिए गए है, इस विमानपोत को बनाने में लगभग 21 हजार टन ग्रेड स्टील का प्रयोग किया गया है।
इस एयरक्राफ्ट में 2,600 किलोमीटर से ज्यादा इलेक्ट्रिक तारों का प्रयोग किया गया है। इसके साथ ही 150 किलोमीटर से ज्यादा पाइपलाइन
भी उपयोग की गई है। इसकी ऊंचाई 61.6 मीटर है जो करीब 15 मंजिला इमारत जितनी होती है। वहीं लंबाई की बात करें तो ये 262.5 मीटर लंबी है।
इसमें लगभग 1600 क्रू मेंबर आराम से रह सकते हैं। इस जहाज में 2300 कंपार्टमेंट बनाए गए हैं। इस जहाज पर मिग-29 के लड़ाकू विमानों और केए-31 हेलिकॉप्टरों का एक बेड़ा तैनात किया जाएगा। इस शिप से एक साथ 30 विमान संचालित हो किये जा सकते हैं। इसकी अधिकतम गति 28 नॉट दर्ज की गयी है।
आईएनएस विक्रांत से कितनी मज़बूत होगी भारतीय नौसेना ?
ख़बरों के मुताबिक मौजूदा समय में ऐसे विमानपोत बनाने की क्षमता सिर्फ पांच से छह देशों के पास ही है। अब भारत भी इस सूची में शामिल हो गया है। जानकारों का मानना है कि किसी देश द्वारा अपना विमानपोत बनाना अपने नौसैनिक क्षेत्र में उसकी क्षमताओं को दिखाता है। ऐसे में भारत भी अपने इस क्षेत्र को मजबूत करता दिखाई दे रहा है.
गौरतलब है कि भारत में बने पहले एयरक्राफ्ट कैरियर का नाम आईएनएस विक्रांत रखा गया है। जबकि इससे पहले ब्रिटेन से खरीदे गए भारत के पहले विमानवाहक पोत- एचएमएस हरक्यूलीस का नाम भी आईएनएस विक्रांत ही रखा गया था। ख़बरों की माने तो इसके पीछे की वजह भारत का पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के प्रति प्यार और गौरव की भावना है। सन 1997 में सेवानिर्वित किए जाने से पहले आईएनएस विक्रांत ने पाकिस्तान के खिलाफ अलग-अलग मौकों पर भारतीय नौसेना को ताकतवर दिखाने में अपना अहम रोल अदा किया था।