इच्छा शक्ति के अभाव में नहीं बन पा रहा गरीबों का हॉस्पिटल
पिछले 8 सालों में सरकार सिर्फ दावा ही करती रही कि जल्द गुरुग्राम वासियों को सिविल हॉस्पिटल की सौगात दी जाएगी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।1967 में उस समय इस हॉस्पिटल का निर्माण किया गया था, जब हरियाणा नया-नया बना था। 1966 में हरियाणा के गठन के एक साल बाद इस हॉस्पिटल को बनाया गया था, जिससे मध्यमवर्गीय ओर गरीब लोगों को सस्ते इलाज की सुविधा मिल सके।
गुरुग्राम || साइबर सिटी का एक मात्र सिविल हॉस्पिटल पिछले 7 सालों से निर्माण की बात जोह रहा है, लेकिन हरियाणा सरकार की मंशा इसे बनाने की नजर नहीं आ रही। गुरुग्राम शहर के बीचोबीच बना एक मात्र सिविल हॉस्पिटल को प्रदेश की भाजपा सरकार ने वर्ष 2016 में कंडम घोषित कर दिया था। इस हॉस्पिटल को कंडम घोषित करने के बाद सरकार ने सेक्टर-9 में बने होस्पिटल में तब्दील कर दिया। तभी से सेक्टर-9 में बने इस हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। पिछले 8 सालों में सरकार सिर्फ दावा ही करती रही कि जल्द गुरुग्राम वासियों को सिविल हॉस्पिटल की सौगात दी जाएगी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।1967 में उस समय इस हॉस्पिटल का निर्माण किया गया था, जब हरियाणा नया-नया बना था। 1966 में हरियाणा के गठन के एक साल बाद इस हॉस्पिटल को बनाया गया था, जिससे मध्यमवर्गीय ओर गरीब लोगों को सस्ते इलाज की सुविधा मिल सके। 2016 के बाद सरकार इसका निर्माण करना भूल गई। जबकि गुरुगाम में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस एक ही साल में बना कर तैयार कर दिया गया। जबकि गुरुग्राम में रहने वाले 10 लाख लोगों को इस हॉस्पिटल की सबसे अधिक जरूरत थी। गुरुग्राम से 5 बार सांसद रहे इंद्रजीत पिछली सरकार के समय कहते थे कि उनकी प्रदेश के मुखिया सुनते नहीं। अब तो भाजपा की सरकार है क्या अब भी प्रदेश के मुखिया उनकी नहीं सुनते या फिर उन्हें इस हॉस्पिटल से कोई सरोकार नहीं है। विधायको की तो बात ही जाने दीजिए। सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा सरकार गहरी नींद में सोई हुई है। गरीब वर्ग के लोग इलाज के लिए प्राइवेट हॉस्पिटलों में लूटने को मजबूर हो रहे है।