हरियाणा की छोरी ने कॉमनवेल्थ गेम में चमकाया प्रदेश का नाम.....
एशियन चैंपियनशिप तथा ओलंपिक के लिए पूजा अभी से तैयारियां शुरू कर देगी और उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह इन दोनों ही चैंपियनशिप में देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर आएगी।
रोहतक || हर्ष वर्धन || सोनीपत के फरमाना गांव के रहने वाले विजेंद्र व जगवन्ति बेटी पूजा की कुश्ती के लिए अपना पुश्तैनी गांव छोड़ दिया और रोहतक की राम गोपाल कॉलोनी में महज 2 कमरों में किराए पर रहने लग गए। बेटी पूजा ने भी इतनी मेहनत की कि आज कॉमनवेल्थ गेम में कांस्य पदक जीतकर अपने गांव तथा प्रदेश का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया। हालांकि परिवार को मायूसी है कि पूजा गोल्ड मेडल नहीं जीत सकी। लेकिन एशियन चैंपियनशिप तथा ओलंपिक के लिए पूजा अभी से तैयारियां शुरू कर देगी और उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह इन दोनों ही चैंपियनशिप में देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर आएगी।
पूजा के परिवार का कहना है कि पूजा ने हालांकि शुरुआत वॉलीबॉल से की थी। लेकिन फिर उसके बाद उसका कुश्ती की ओर रुझान हो गया। गांव में ऐसे अखाड़े नहीं थे कि वहां पर बेहतर प्रैक्टिस हो सके। इसलिए परिवार ने यह फैसला लिया कि वह गांव छोड़कर रोहतक में शिफ्ट हो जाएंगे और यहां पर राम गोपाल कॉलोनी में दो कमरों का एक छोटा सा मकान किराए पर ले लिया। पूजा का भाई अंकित भी रेसलिंग करता है। लेकिन अपनी बहन की प्रतियोगिताओं के लिए वह अपना सब कुछ छोड़ देता है।
दूसरी बहन ममता तथा अंकित पूजा को कुश्ती के लिए बहुत प्रोत्साहित करते हैं। वही मां जगवन्ति का तो यह कहना है कि पूजा इतनी मेहनत करती है कि पसीना बह कर चल पड़ता है। लेकिन कहीं ना कहीं उन्हें यह जरूर मायूसी है कि पूजा गोल्ड मेडल नहीं जीत सकी। लेकिन फिर भी आने वाली प्रतियोगिताओं को लेकर वे पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि पूजा गोल्ड मेडल जरूर जीतेगी। बहन ममता ने बताया कि कॉमनवेल्थ के ट्रायल से पहले पूजा को चोट लगी हुई थी और उसके पैर पर प्लास्टर था लेकिन इस प्रतियोगिता में जाने के लिए वह इतनी उत्साहित थी कि ट्रायल से पहले उसने बिना डॉक्टरों की सलाह पर खुद ही प्लास्टर निकाल दिया और कॉमनवेल्थ से ट्रायल में भाग लिया। परिवार पूजा के आने का इंतजार कर रहा है और आने के बाद उसका भव्य स्वागत किया जाएगा।