ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटा हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटा हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, कोरोना काल में जहाँ मिशन से जुडी महिलाओं ने मास्क व सेनेटाइजर की बिक्री कर किया था अपना रोजगार, दीपावली को देखते हुए अब मिशन से जुडी महिलाएं स्वदेशी लड़िया बनाने में जुटी, महिलाएं बोली मिशन से जुड़कर उनके जीवन में आया काफी बदलाव।
रादौर (कुलदीप सैनी) || महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनेक समाजिक संस्थाए काम कर रही है, हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन भी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में लगातार प्रयासरत है, चाहे वो कोरोना काल के दौरान मास्क बनाना इन महिलाओ के लिए रोजगार के अवसर लगात पैदा किये जा रहे है, आगामी दिनों में त्योहारी सीजन आ रहा है, ऐसे में लोग अपने घरों को स्वदेशी लडिय़ों से सजाएं इसके लिए हरियाणा ग्रामीण आजिविका मिशन से जुडी महिलाओं ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। इस समय ये महिलाए स्वदेशी लडिय़ों को तैयार करने में जुटी है।
समूह की खंड प्रबंधक राजकुमारी ने बताया कि समूह से जुड़ी करीब 30 महिलाएं स्वदेशी लडिय़ां बनाने के कार्य में जुटी है। लड़ी पूरी तरह स्वदेशी सामान से बनाई जाएंगी। अभी करीब 1 हजार लडिय़ां बनाने का सामान मंगवाया गया है। डिमांड आने पर ओर सामान मंगवाया जाएंगा। उन्होंने बताया कि इस समय मार्केट में जो लडिय़ां बेची जा रही है उसमें 45 फीट की लड़ी के दाम करीब 18० रूपए है। लेकिन उनके द्वारा जो लड़ी तैयार की जाएंगी वह 5० फीट की होगी। जिसके दाम 15० रूपए तय किए गए है। लडिय़ां मार्केट में बेचने के लिए रादौर में पुराना बस स्टैंड व जठलाना में किसी भी मैन पॉइंट पर, गुमथला बस स्टैंड के पास व क्षेत्र के अन्य मैन पॉइंट पर स्वदेशी महिला ग्रामीण हट के नाम से स्टॉल लगाएं जाएंगे | वही इस मिशन से जुडी एक महिला ने बताया की मिशन से जुड़कर उसके जीवन में काफी बदलाव आया है। उन्होंने कहा की मिशन से जुड़कर उन्हें रोजगार के काफी अवसर प्राप्त हुए है। कोरोना काल में मास्क बनाने का कार्य किया, वही अब लड़िया बनाई जा रही है। वही अब आर्थिक स्थिति मजबूत होने से उसने अपने आगे की पढ़ाई भी शुरू कर दी है।