हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल संदीप धनखड़ ने बनाई इलेक्ट्रिक साइकिल
बाइक का इंजन और उड़ान के लिए पैराग्लाइडिंग विंग व धक्का देने के लिए प्रोपिलर लगाया गया है। यह पैराग्लाइडर पेट्रोल से चलता है। लगभग एक लीटर पेट्रोल में इसे 30 मिनट तक उड़ाया जा सकता है। इसे बनाने में लगभग 50 से 60 हजार रुपये खर्चा आया था।
चरखी दादरी || हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल के पद पर नियुक्त संदीप धनखड़ ने एक इलेक्ट्रिक साइकिल बनाई है। यह साइकिल मात्र 20 रुपये से कम खर्च पर 150 किलोमीटर की दूरी तय कर रही है। तीन घंटे के अंदर साइकिल चार्ज हो जाती है और यह तीन यूनिट बिजली लेती है। ई-साइकिल को रिक्शा के टायर, रिम, चैन और लोहे से तैयार किया गया है। इसे तैयार करने पर करीब पांच हजार रुपये खर्च आया है। ई-साइकिल की गति हाथ से कम करने के साथ बढ़ा सकते हैं और इसकी अधिकतम गति सीमा 35 किलोमीटर प्रति घंटा है।
बता दें कि ई-साइकिल को तैयार करने वाला जवान संदीप धनखड़ झज्जर जिले के गांव सेहलंगा का रहने वाला है। वो इससे पहले पैराग्लाइडर, सीएनसी और इलेक्ट्रिक बाइक भी बना चुका है। संदीप ने अपने शौक पूरा करने के लिए इस प्रकार के इनोवेशन करता रहता है। उसने घर के अंदर कमरे में गैराज भी बनाया हुआ है।
ड्यूटी के बाद गैराज में आविष्कार के लिए बिताता है समय
ड्यूटी से जाने के बाद कांस्टेबल संदीप अधिकतर समय अपने इनोवेशन को ही देता है। साथ ही अपना अधिकतर वेतन इनोवेशन पर खर्च कर देता है। संदीप ने 2012 में मैकेनिकल ट्रेड से आईटीआई से डिप्लोमा किया था। उसके तुरंत बाद ही वह हरियाणा पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हो गया था लेकिन बाद में उसने इनोवेशन पर काम शुरू कर दिया था।
पांच वर्ष पहले बनाया था पैराग्लाइडर
संदीप ने पांच साल पहले पैराग्लाइडर बनाया था। यह पैराग्लाइडर एविएशन नियम के तहत लगभग 600 फुट ऊंचाई तक उड़ सकता है। इसके अंदर बाइक का इंजन और उड़ान के लिए पैराग्लाइडिंग विंग व धक्का देने के लिए प्रोपिलर लगाया गया है। यह पैराग्लाइडर पेट्रोल से चलता है। लगभग एक लीटर पेट्रोल में इसे 30 मिनट तक उड़ाया जा सकता है। इसे बनाने में लगभग 50 से 60 हजार रुपये खर्चा आया था। छह महीने पहले संदीप ड्रोन एप्लीकेशन रिसर्च सेंटर पर अपने पैराग्लाइडर को बतौर मॉडल दिखा चुका है।
10 हजार रुपये खर्च कर बनाई इलेक्ट्रिक बाइक
संदीप ने दो वर्ष पहले एक इलेक्ट्रिक बाइक बनाई थी। इस बाइक में 12-12 वोल्ट की चार बैटरी लगाई गई हैं, जो लगभग तीन घंटों में चार्ज होने के बाद 40 से 50 किलोमीटर चलती है। कबाड़ की बाइक से उसकी बॉडी बनाई गई है। इसको बनाने में मात्र दस हजार रुपये का खर्चा आया है।
परिजनों के जेब खर्च को इनोवेशन में लगाया
संदीप के पिता किसान सुरेश कुमार ने बताया कि जेब खर्च के लिए जो पैसा संदीप को देते थे, उसका वह इनोवेशन में खर्च कर देता था। आईटीआई पास करने के बाद तो वह कुछ ना कुछ नया करता रहता है। पहले गुस्सा भी आता था कि ये बेकार में लगा रहता है। अब समझ आया तो बेटे की उपलब्धि पर नाज है।
इनोवेशन मेरा शौक : संदीप
इनोवेशन करना मेरा शौक रहा है। जब आईटीआई में पढ़ता था तो उस समय हम तीन लड़कों ने हेलिकॉप्टर बनाना शुरू किया था, लेकिन उस समय कामयाबी नहीं मिल पाई। हरियाणा पुलिस में भर्ती होने के बाद कुछ न कुछ करने का शौक लग गया। सबसे पहले पैराग्लाइडर बनाया। उसके बाद सीएनसी (कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल मशीन) व इलेक्ट्रिक बाइक बनाई। अब इलेक्ट्रिक साइकिल तैयार की है।
एसपी ने सराहा, करेंगी सम्मानित
एसपी निकिता गहलोत ने संदीप के इनोवेशन को काफी सराहा। एसपी ने कहा कि उसे कांस्टेबल संदीप द्वारा बनाई इलेक्ट्रिक साइकिल व अन्य इनोवेशन बारे जानकारी मिली है। जल्द ही जिला पुलिस द्वारा उसे सम्मानित किया जाएगा।