हरियाली तीज सावन महीने के सबसे महत्वपूर्ण पर्व में से एक...

हरियाली तीज सावन महीने में के सबसे महत्वपूर्ण पर्व में से एक है श्रद्धा और प्रेम के इस पूर्व को सावनी तीज भी कहते हैं हरियाली तीज के दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुख समृद्धि के लिए व्रत रखती है सोलह सिंगार कर निर्जला व्रत रखती है और पूरे विधि विधान से मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं झूले झूलती हैं पूजा रात भर चलती है जागरण और कीर्तन करती है |

हरियाली तीज सावन महीने के सबसे महत्वपूर्ण पर्व में से एक...
अम्बाला ( अंकुर कपूर) || कई साल पहले सावन की तीज के मौके पर गांव में मेले जैसा माहौल होता था महिलाएं घरों से बाहर निकलकर लोक गीतों पर खूब मस्ती करती है पर वक्त के साथ और आधुनिकता के दौर में यह सब पीछे छूट गया है  और शहरीकरण की दौड़ के बावजूद गांव में अभी यह परंपरा काफी हद तक जीवित है |

बुजुर्ग महिलाएं विरासत को संभाले हुए हैं तो नई पीढ़ी अपने तरीके से इसका अनुसरण कर रही है जहां पहले तीज पर बाजारों में खूब रौनक रहती थी वहीं इस बार कोरोना की वजह से बाजारों में ज्यादा चहल-पहल नहीं है बहुत कम महिलाएं इस बार मेहंदी लगाती देखी गई दुकाने सजी हुई तो है पर ग्राहक का इंतजार भी कर रही है ! मेहंदी लगाती महिलाओं ने बताया कि वे तीज के पर्व पर मेहँदी लगा रही है साथ ही चूड़ियां व् मिठाई खासकर घेवर खरीदकर घर ले जाएगी और तीज का त्यौहार मनाएगी |

तीज के त्यौहार से सभी त्यौहारों की शुरुआत हो जाती है मोर अगले चार माह तक त्यौहारों का सिलसिला जारी रहता है जिसमे बाज़ार में भी खूब रौनक होती है ! लेकिन इस बार कोरोना के कारण बाज़ारो में भीड़ कम देखने को मिल रही है जिस कारण दुकानदार भी खाली बैठे है !इस बारे में जब दुकानदार से बात की तो उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना की वजह से तीज पर कोई खास ग्राहक नहीं है उन्होंने कहा कि एक तो कोरोना का डर ऊपर से महंगाई की मार इस वजह से बाजार में ग्राहक ही नहीं है बाजार सूने पड़े जबकि पिछले साल तीज पर बहुत ज्यादा भीड़ भीड़भाड़ थी और दुकान भी रात को 11:00 बजे तक खोलनी पड़ी थी !