गुरुग्राम की निश्चल ने देश व प्रदेश का किया नाम रोशन

निश्चल के पिता डॉक्टर कुलदीप अहलावत की माने  तो लड़कियां किसी भी फील्ड में अब पीछे नही है। जो काम लड़के कर सकते है वह काम अब लड़कियां बखूबी अंजाम दे रही है। बिटियां ने जब शूटिंग में रुचि दिखाई तो उसे पूरा स्पोर्ट किया। आज जब बेटी रियो वर्ल्ड कप में गोल्ड जीत कर लोटी है तो सीना गर्व से फूल गया है।

गुरुग्राम || रियो वर्ल्ड कप में 50 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड जीत देश व प्रदेश का नाम रोशन करने वाली निश्चल का अगला लक्ष्य नेशनल और ओलंपिक में गोल्ड जितने का है। इसके लिए वह फरीदाबाद की एकेडमी में जमकर प्रैक्टिस कर रही है। निश्चल की माने तो पढ़ाई के साथ-साथ शूटिंग में कैरियर बनाने के लिए उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। परिवार का पूरा साथ मिला, जिसकी बदौलत वह रियो वर्ल्ड कप में गोल्ड पर निशाना लगाने में कामयाब रही। अब उसका सपना ओलंपिक में गोल्ड लाने का है। उससे पहले नेशनल में वह देश और प्रदेश का परचम लहराना चाहती है। निश्चल के पिता डॉक्टर कुलदीप अहलावत की माने  तो लड़कियां किसी भी फील्ड में अब पीछे नही है। जो काम लड़के कर सकते है वह काम अब लड़कियां बखूबी अंजाम दे रही है। बिटियां ने जब शूटिंग में रुचि दिखाई तो उसे पूरा स्पोर्ट किया। आज जब बेटी रियो वर्ल्ड कप में गोल्ड जीत कर लोटी है तो सीना गर्व से फूल गया है। पेशे से डॉक्टर कुलदीप सेक्टर नो में प्रैक्टिस करते है और निश्चल की माँ हाउस वाइफ है। निश्चल का भाई भी शूटिंग में हाथ आजमा रहा है। भाई से ही प्रेरणा लेकर निश्चल ने शूटिंग को अपना कैरियर बनाया और मुकाम हासिल किया है। रियो वर्ल्ड कप में गोल्ड हासिल करने वाली निश्चल अब ओलंपिक में गोल्ड पर निशाना लगाने के लिए पसीना बहा रही है। उम्मीद है कि निश्चल नेशनल और ओलंपिक में भी देश और प्रदेश का नाम जरूर रोशन करेगी।