गुरुग्राम में फिर तैयार होगा कूड़े का पहाड़ !
दरअसल, करीब छह महीने पहले नगर निगम द्वारा घरों से गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग उठाने के निर्देश जारी किए थे। जब इस नियम को लागू किया गया था तो शुरूआती दिनों में नगर निगम के अधिकारियों ने इस पर ध्यान दिया और घर-घर से कूड़ा उठाने वाली इको कंपनी से सख्ती से लागू कराया। मिक्स कूड़ा लेकर आने वाली गाड़ी को निगम के वेस्ट कलेक्शन सेंटर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था, लेकिन समय के साथ-साथ इस नियम को दरकिनार कर दिया गया और धड़ल्ले से घरों से कूड़ा मिक्स करके ही उठाया जाने लगा।
गुरुग्राम || पुरानी कहावत है हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं। यह कहावत इन दिनों नगर निगम और शहर में घर-घर से कूड़ा उठाने वाली इकोग्रीन कंपनी पर चरितार्थ हो रही है। यह हम इसलिए कह रहे हैं कि नगर निगम द्वारा गीले और सूखे कूड़े को लेकर नियम तो बनाए गए हैं। नियम का पालन न करने वालों के खिलाफ जुर्माना लगाने सहित अन्य सख्त कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है, लेकिन यह नियम केवल आम जनता पर ही लागू किए जा रहे हैं। नगर निगम की घर-घर से कूड़ा उठाने की योजना के तहत कार्य कर रही इको ग्रीन कंपनी इन नियमों को दरकिनार कर रही है। ऐसा नहीं है कि प्रशासनिक अधिकारियों और नगर निगम अधिकारियों की इसकी जानकारी न हो, बल्कि इकोग्रीन का नाम सामने आते ही अधिकारी चुप्पी साध जाते हैं। वहीं, मामले में जिला उपायुक्त निशांत यादव का कहना है कि इस संदर्भ में नगर निगम अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।
दरअसल, करीब छह महीने पहले नगर निगम द्वारा घरों से गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग उठाने के निर्देश जारी किए थे। जब इस नियम को लागू किया गया था तो शुरूआती दिनों में नगर निगम के अधिकारियों ने इस पर ध्यान दिया और घर-घर से कूड़ा उठाने वाली इको कंपनी से सख्ती से लागू कराया। मिक्स कूड़ा लेकर आने वाली गाड़ी को निगम के वेस्ट कलेक्शन सेंटर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था, लेकिन समय के साथ-साथ इस नियम को दरकिनार कर दिया गया और धड़ल्ले से घरों से कूड़ा मिक्स करके ही उठाया जाने लगा।
शुरूआत में जब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने सख्ती दिखाई तो इकोग्रीन पर करीब 2 करोड़ 80 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया। इसके अलावा एनजीटी के आदेश पर नगर निगम पर 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाते हुए एक अकाउंट खुलवाया गया जिसके जरिए कूड़े के निस्तारण कि लिए काम किया जाना था। आदेशों के बावजूद भी जब नगर निगम ने कूड़े का निस्तारण नियमानुसार न किया तो 20 करोड़ रुपए और जुर्माना लगाया गया और इसे भी इसी खाते में जमा कराया गया, लेकिन जनता के पैसे जुर्माने में लुटाने के बाद भी निगम अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ा और मिक्स कूड़े को ही वेस्ट कलेक्शन सेंटर तक ले जाया जाने लगा।
आपको बता दें कि कूड़े का सेग्रीगेशन न होने के कारण बंधवाड़ी प्लांट में अब तक लाखों टन कूड़ा निस्तारण के लिए पड़ा हुआ है। इस कूड़े का जल्द निस्तारण हो सके इसके लिए नगर निगम ने गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग करके उठाने के निर्देश इकोग्रीन कंपनी को दिए थे, लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने इन नियमों को दरकिनार कर दिया और मनमर्जी करते हुए गीले और सूखे कूड़े को मिक्स करके उठाना शुरू कर दिया है। इसके कारण शहर में अलग-अलग स्थानों पर बनाए गए नए डंपिंग स्टेशनों पर भी कूड़े के पहाड़ बनने की संभावना बनी हुई है। अब देखना यह होगा कि मामला जिला उपायुक्त और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समक्ष पहुंचने के बाद किस तरह की कार्रवाई अमल में लाई जाती है।