दिल्ली विजय घाट पर लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित करने जा रहे किसानों को रोका...
लाल बहादुर शास्त्री के को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आज किसान दिल्ली के विजय घाट पर जा रहे थे। लेकिन हरियाणा को किसानों को कुंडली बॉर्डर पर ही रोक दिया गया जबकि किसानों का कहना है कि उन्होंने पहले आला अधिकारियों को लिखित में सूचना दी थी कि वह हर साल की तरह इस साल भी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। लेकिन हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों ने उन्हें जाने से मना कर दिया। जिसके बाद किसानों में गुस्सा है और किसानों का कहना है कि यह तो मनमानी है और ऐसी मनमानी कर सरकार सफल नहीं हो सकती ।किसानों को हर तरह से दबाया जा रहा है |
सोनीपत (सुनील कुमार) || भारतीय किसान यूनियन अंबावता के बैनर तले किसान कुंडली बॉर्डर के पास इकट्ठा हुए। यह सभी लाल बहादुर शास्त्री को विजय घाट पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए जा रहे थे।किसानों का कहना है कि वह सभी हर साल इकट्ठा होते हैं और आपस में विचार विमर्श करते हैं। लेकिन इस बार वह कोविड-19 के चलते कम संख्या में ही पहुंचने वाले थे और इसके बारे में वाला अधिकारियों को बता चुके थे लेकिन आला अधिकारियों के मना करने के बाद किसानों में बहुत ज्यादा गुस्सा है।किसानों का कहना है कि वह अपनी मांग तो कहीं कहीं नहीं सकते। अभी कट्टा होने पर भी सरकार पाबंदी लगा रही है जो बहुत ज्यादा गलत है।ऐसा करके सरकार कभी भी सफल नहीं रह सकती।
किसानों का कहना है कि सरकार को डर था कि वहां किसान इकट्ठा होकर कोई आंदोलन कर देंगे। लेकिन वह आंदोलन करने के लिए इकट्ठा नहीं हो रहे थे ।वह सिर्फ श्रद्धांजलि अर्पित करने और आपस में विचार विमर्श करने के लिए ही इकट्ठा होते हैं। अगर पहले ही बता दिया जाता तो वह घर से ही ना आते पहले परमिशन दे दी गई और उसके बाद अब किसानों को बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। ऐसा करना सरकार के खिलाफ जा रहा है और किसान को सरकार हर तरफ से दबा रही है।