मुआवजे की मांग को लेकर हाईटेंशन बिजली लाइन के टावर पर चढ़े किसान
किसानों के प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हुई और आर-पार की लड़ाई लड़ने का भी ऐलान किया। बता दें कि बिजली टावरों के समान मुआवजे की मांग को लेकर किसानों द्वारा लगातार संघर्ष किया जा रहा है। गांव रामबास, बिलावल सहित कई गांवों के किसान एकजुट हुए और बिजली टावरों पर चढ़कर रोष प्रदर्शन किया।
चरखी दादरी || किसानों के खेतों में लगाए गए हाईटेंशन बिजली लाइन के टॉवरों का मुआवजा नहीं मिलने से खफा किसान बिजली टावर पर चढ़ गए और सरकार के खिलाफ रोष जताया। इस दौरान किसानों ने कंपनी पर सरकार से मिलीभगत कर किसानों का हक खाने का भी आरोप लगाया। साथ ही निर्णय लिया कि अगर एक उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ तो बड़ा फैसला लेंगे और जरूरत पड़ी तो टावरों को उखाड़ फेंक देंगे। किसानों के प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हुई और आर-पार की लड़ाई लड़ने का भी ऐलान किया। बता दें कि बिजली टावरों के समान मुआवजे की मांग को लेकर किसानों द्वारा लगातार संघर्ष किया जा रहा है। गांव रामबास, बिलावल सहित कई गांवों के किसान एकजुट हुए और बिजली टावरों पर चढ़कर रोष प्रदर्शन किया। किसानों ने बिजली लाइन बिछा रही कंपनी के लोगों व पुलिस प्रशासन द्वारा उन पर दवाब बनाने व धमकाने के आरोप लगाए है। किसानों ने कहा कि सरकार, प्रशासन व कंपनी चाहे कितना भी जोर लगा ले लेकिन जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी वे लाइन को नहीं बिछनें देंगे और उनका संघर्ष जारी रहेगा।
उल्लेखनीय है कि मुम्बई से भिवानी जाने वाली हाईटेंशन बिजली लाइन से क्षेत्र के कई गांवों के किसान प्रभावित है और वे लगातार समान व उचित मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। रामबास धरना कमेटी व भारतीय किसान मजदूर यूनियन प्रधान राजकुमार हड़ौदी, किसान नेता विरेंद्र बडराई गांव बिलावल पहुंचे जहां हाईटेंशन बिजली लाइन से प्रभावित किसानों ने उनकी अगुवाई में बिजली टावरों पर चढ़कर रोष जताया। रोष जता रहे बिलावल निवासी कुलदीप,प्रदीप, जगवीर, सुनिल, संदीप, मंजीत, रणधीर आदि ने कहा कि उनके पास आधा से एक एकड़ तक जमीन है जहां उनके मकान भी बने हुए है। बिजली लाइन के कारण उनके पूरे खेत व मकान प्रभावित हो रहे है लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। उनका आरोप है कि पुलिस व कंपनी के लोग उन पर दवाब बना रहे है और उन्हें धमकाया जा रहा है यहां तक की जब तक उनकी मांग पूरी नहीं की जाएगी वे बिजली लाइन का कार्य पूरा नहीं होने देंगे।