बहादुरगढ़ में किसानों ने असहयोग आंदोलन किया ऐलान
समिति बनानी चाहिए और किसानों के प्रतिनिधि मंडल को भी उस समिति में जगह देनी चाहिए। ताकि समस्याओं का समाधान हो सके और किसानों की सभी मांगे पूरी करने का प्रयास शुरू हो सके। मगर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं। वे किसानों की मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे।
बहादुरगढ़ || किसानों ने असहयोग आंदोलन का ऐलान कर दिया है। हालांकि किसानों ने रेलवे ट्रैक और नेशनल हाईवे को रोकने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया क्योंकि प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल का मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय निर्धारित करवा दिया है। 20 जून को किसानों की मुलाकात मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से होगी और किसानों की समस्याओं के समाधान पर बातचीत की जाएगी। भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले किसान 163 दिन से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार ने अब तक किसानों की मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया था इसलिए किसानों ने असहयोग आंदोलन करने की चेतावनी दे डाली और दिल्ली- रोहतक नेशनल हाईवे, दिल्ली -रोहतक रेल ट्रेक और राजधानी दिल्ली, गुड़गांव और फरीदाबाद का पानी बंद करने की तैयारी शुरू कर दी। मगर इसी बीच मुख्यमंत्री से बातचीत का समय निर्धारित होने के बाद किसानों ने सरकार को 2 दिन का और अल्टीमेटम दिया है और मुख्यमंत्री से बातचीत में समाधान नहीं होने पर 21 तारीख को सड़क, रेल और पानी रोकने की एक बार फिर से चेतावनी दे डाली है।
भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि किसान केएमपी एक्सप्रेसवे के साथ-साथ बनने वाले रेल कॉरिडोर का मुआवजा बड़वाने, हरियाणा का अलग हाईकोर्ट बनवाने और एसवाईएल का पानी हरियाणा को देने समेत 25 मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। मगर सरकार की ओर से उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने बताया कि कई सारी मांगे ऐसी है जिनका समाधान 1 दिन में नहीं हो सकता लेकिन सरकार को उन समस्याओं के समाधान की ओर कदम बढ़ाना चाहिए । समिति बनानी चाहिए और किसानों के प्रतिनिधि मंडल को भी उस समिति में जगह देनी चाहिए। ताकि समस्याओं का समाधान हो सके और किसानों की सभी मांगे पूरी करने का प्रयास शुरू हो सके। मगर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं। वे किसानों की मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे।
डीसी शक्ति सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 20 जून को किसानों और मुख्यमंत्री की आपस में सीधी बातचीत होगी। इस बातचीत में समाधान होने की संभावना बनी हुई है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि रेल कॉरिडोर का मुआवजा सही ढंग से बनाया गया है। सरकार इस दिशा में कोई भी निर्णय ले सकती है। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में जिले में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ने नहीं दी जाएगी। जिले भर में धारा 144 भी लगाई गई है।
किसानों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय निर्धारित होने के बाद सड़क और रेलवे ट्रैक को रोकने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। लेकिन साथ ही किसानों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर 20 तारीख को मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता में उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 21 तारीख को दिल्ली -रोहतक रेलवे ट्रैक, दिल्ली -रोहतक नेशनल हाईवे और दिल्ली, गुड़गांव और फरीदाबाद का पानी भी बंद कर देंगे । ऐसे में अब देखना होगा कि 20 जून को होने वाली वार्ता में किसानों की कितनी मांगों पर सरकार गौर करती है।