बीमा क्लेम का मुआवजा राशि ना मिलने से गुस्साए प्रदेश भर के किसान

बाढ़ में आधे हरियाणा के जिलों की फसल बर्बाद हो गई, हजारों दुधारू पशु मर गये और अब राज्य के कई हिस्सों में भंयकर सूखा पडऩे से खरीफ  फसलें बर्बाद हो गई। परन्तु जगह-जगह किसान राहत व मुआवजे के लिए धरना प्रदर्शन के बावजूद भी प्रदेश व केन्द्र सरकार किसानों की कोई सुनवाई नहीं कर रही है।

भिवानी || अखिल भारतीय किसान सभा हरियाणा के आह्वान पर प्रदेश भर के किसान अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को भिवानी में उपायुक्त कार्यालय एकत्रित हुए तथा बकाया बीमा क्लेम, मुआवजा, बाढ सूखे के मुआवजे, नहरों में पानी व पर्याप्त बिजली व अन्य मांगो को लेकर शहर में प्रदर्शन करते हुए कृषि मंत्री के आवास पर पहुंचे तथा कृषि मंत्री के आवास का घेराव किया। इस दौरान समय देने के बाद भी कृषि मंत्री निवास पर नहीं मिले तो किसानों का गुस्सा ओर भी बढ़ गया तथा उन्होंने वहां पर जमकर नारेबाजी की। बता दे कि भिवानी में कृषि मंत्री के आवास के पास पुलिस प्रशासन ने बड़े बैरिकेड लगा रखे थे। वहीं दो घंटे तक पुलिस और किसानों के बीच काफी तू तड़ाक व झडप हुई फिर एसडीएम बाबूलाल दीपक कारवा ने कृषि मंत्री से बातचीत के लिए एक सितंबर की तिथि तय करके किसानों का ज्ञापन लिया। इस दौरान किसानों ने नहरों में पर्याप्त पानी देने, गांव में पीने के पानी उपलब्ध कराने, बिजली कटौती बंद करने व लंबित पड़े ट्यूवैल कन्कशैन देने की मांग की। उन्होंने बताया कि मांग व मुद्दों को लेकर 24 अगस्त को दिल्ली में किसान मजदूरों की राष्ट्रीय कन्वेशन होगी।

इस मौके पर प्रदेश भर से पहुंचे किसानों को संबोधित करते हुए किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेता कामरेड इंद्रजीत सिंह ने कहा कि बर्बाद फसलों का राज्य के किसानों का हजारों करोड़ रुपये बीमा व मुआवजा बकाया पड़ा है, बाढ़ में आधे हरियाणा के जिलों की फसल बर्बाद हो गई, हजारों दुधारू पशु मर गये और अब राज्य के कई हिस्सों में भंयकर सूखा पडऩे से खरीफ  फसलें बर्बाद हो गई। परन्तु जगह-जगह किसान राहत व मुआवजे के लिए धरना प्रदर्शन के बावजूद भी प्रदेश व केन्द्र सरकार किसानों की कोई सुनवाई नहीं कर रही है। यहां तक कि राज्य किसान सभा द्वारा कृषि मंत्री को एक माह पहले ज्ञापन देकर प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए समय देने की मांग की थी, परन्तु मंत्री जान-बूझकर समय नहीं दे रहे है। इसलिए किसानों को भिवानी आकर सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के विरोध में प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ा है।