हरियाणा में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में महामारी की चिंता बढ़ी
सिरसा के और कई गांवों में भी पानी पहुंचने का खतरा है। इस वजह से इन इलाकों के प्रशासन ने 10 गांवों को रडार पर रखा है। मानसून सीजन में 8 से 12 जुलाई के बीच हुई भारी बारिश ने राज्य में तबाही मचा दी है।
हरियाणा || हरियाणा में आज फिर से भारी बारिश के लिए मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी कर दिया है। पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर के 4 जिलों को भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इसके साथ ही, बाढ़ के ग्रस्त इलाकों में 20 हजार से अधिक लोग बीमार हो गए हैं और महामारी का खतरा भी बढ़ गया है। राज्य के 12 जिलों में 4 हजार लोग बुखार से पीड़ित हैं।सरकार बाढ़ के प्रभावित इलाकों में मेडिकल कैंप आयोजित कर रही है। अभी तक सरकार ने 605 मेडिकल कैंप संचालित किए हैं, जो प्रभावित इलाकों में मेडिकल सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
सिरसा में घग्गर नदी के जलस्तर का खतरा बढ़ता जा रहा है। नदी का जलस्तर लगातार 50 हजार क्यूसेक से ऊपर पहुंच गया है, जिससे सिरसा, रानियां, ऐलनाबाद और दूसरे 49 गांवों को खतरा है। इसके अलावा, रंगोई नाले के टूटने से भी स्थिति और ख़राब हो गई है। बीते 24 घंटे में रंगोई नाला छह जगह से टूट गया है। गांव सिंकदरपुर के पास रंगोई नाले के टूटने के बाद नेशनल हाईवे के साथ पानी लग चुका है। सिरसा के और कई गांवों में भी पानी पहुंचने का खतरा है। इस वजह से इन इलाकों के प्रशासन ने 10 गांवों को रडार पर रखा है। मानसून सीजन में 8 से 12 जुलाई के बीच हुई भारी बारिश ने राज्य में तबाही मचा दी है। यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, पंचकूला और अंबाला जिलों में सामान्य बारिश का 387 प्रतिशत बारिश हुई है, जो सामान्य 28.4 मिमी की तुलना में है। पड़ोसी राज्यों- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में भी भारी वर्षा हुई है, जिससे राज्य में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है।