क्या तम्बाकू के सेवन से हर साल होती है करोड़ों लोगों की मौत?
भारतीय युवाओं में खतरनाक स्तर पर बढ़ रहा है तंबाकू का सेवन भारत मे 14 साल से कम उम्र के 6000 बच्चे रोज करते है तंबाकू का सेवन
Gurugram (Sanjay Khanna) : युवाओं में तंबाकू का सेवन एक खतरनाक समस्या है और इस पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है। धूम्रपान का दुष्प्रभाव सांस लेने में दिक्कत के साथ कफ और गले के संक्रमण से शुरू होता है। इससे त्वचा भी दागदार हो जाती है और दांतों का रंग बिगड़ जाता है। समय के साथ हृदय रोग, ब्रोनकाइटिस, निमोनिया, स्ट्रोक तथा कई अन्य प्रकार के कैंसर जैसी और गंभीर समस्याएं बढ़ने लगती हैं जिनमें ओरल कैंसर सबसे सामान्य होता है।' नेशनल सैंपल सर्वे संगठन के मुताबिक भारत में 14 साल से कम उम्र के 6000 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू का सेवन करते हैं। वही 15 साल से अधिक उम्र की 40 फीसदी भारतीय आबादी तंबाकू का किसी न किसी रूप में सेवन करती है। तंबाकू में 4000 से अधिक प्रकार के केमिकल होते हैं ,जिनमें 70 से अधिक कार्सिनोजेन और निकोटीन पाए जाते हैं, जिनका लंबे समय तक इस्तेमाल इसका आदी बना देता है और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में तंबाकू सेवन से होने वाली मृत्यु दर सबसे ज्यादा है और हर साल इससे 10 लाख लोगों की मौत होती है। तंबाकू उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और सबसे बड़ा उत्पादक देश होने के कारण तंबाकू के बहुत सारे उत्पाद सस्ते में उपलब्ध हैं जिसे हर कोई खरीद सकता है। तंबाकू से हर साल 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है और इसकी खेती, उत्पादन, वितरण, खपत से हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। इस साल 31 मई को मनाए जा रहे विश्व तंबाकू निषेध दिवस का फोकस युवाओं को बचाना और उन्हें तंबाकू तथा निकोटीन के सेवन से बचने में मदद करना है। धूम्रपान को असमय होने वाली मृत्यु के कई अन्य कारणों में सबसे बड़ा बचावकारी कारण माना जाता है। आपकी उम्र चाहे कुछ भी हो या आप कितने लंबे समय से ही धूम्रपान क्यों न कर रहे हों, आपको धूम्रपान त्यागने के साथ ही स्वास्थ्य लाभ मिलने लगता है।