डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन ने 1 दिन की सांकेतिक हड़ताल की

सभी विभागों के इंजीनियर द्वारा 1 दिन की सांकेतिक हड़ताल की गई है अगर फिर भी सरकार की ओर  से कोई संतोषजनक कदम नहीं उठा जाता तो आगामी 6 अगस्त को होने वाली राज्य कार्यकारिणी की बैठक में  कोई भी ठोस निर्णय लिया जा सकता है जिसकी सरकार खुद जिम्मेवार होगी ।

भिवानी || अपनी मांगों और जायज हकों के लिए राज्य इकाई के आह्वान पर 2 अगस्त को डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन भी 1 दिन के सांकेतिक हड़ताल पर चली गई। जन स्वास्थ्य विभाग के जेई और राज्य सचिव  बिजेश  जावला व जिला प्रधान संजय जैन ने बताया कि सरकार की हठधर्मिता और दमनकारी नीतियों को लेकर आज लगभग हर कैटेगरी धरना प्रदर्शन पर मजबूर है इसी कड़ी में हम  न सिर्फ अपनी मांगों के लिए बल्कि अपने जायज हकों के लिए लंबे समय से संघर्षरत हैं और हाल ही में 19 जुलाई को सभी जिला उपायुक्तों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा 24 व 25 तारीख को काला रिबन सहित कार्य कर अपना विरोध प्रदर्शन जताया व 26 व 27 तारीख को पेन डाउन स्ट्राइक के बाद भी सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी और इसी के चलते बुधवार को सभी विभागों के इंजीनियर द्वारा 1 दिन की सांकेतिक हड़ताल की गई है अगर फिर भी सरकार की ओर  से कोई संतोषजनक कदम नहीं उठा जाता तो आगामी 6 अगस्त को होने वाली राज्य कार्यकारिणी की बैठक में  कोई भी ठोस निर्णय लिया जा सकता है जिसकी सरकार खुद जिम्मेवार होगी ।

जावला ने बताया कि हमारी क्लास विकास कार्यों व रचनात्मक कार्य में विश्वास करने वाली तथा सरकार की जन हितैषी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में अपने सभी निजी कार्य व परिवार को छोडकर  दिन-रात लगी रहती है। हम अपने फर्ज के प्रति पूरी ईमानदारी व वफादारी से कार्य करते हैं तथा इसके साथ- साथ हम अपने हकों के लिए भी पूर्णतया जागरूक हैं उसको प्राप्त करने के लिए सरकार से सौहार्दपूर्ण वातावरण में बात करना चाहते हैं मगर  सरकार हमारे मुंह में उंगली देकर हमारे दांत गिनना चाहती है जिसका समय आने पर मुंह तोड़ जवाब देने का भी हम माद्दा रखते हैं । उन्होंने आगे बताया कि जिन मांगों को लेकर आज हमें जनहित कार्यों को छोडक़र सडक़ पर बैठने को मजबूर किया जा रहा है उन सभी मांगों को बीजेपी के वरिष्ठ मंत्री  रामविलास शर्मा  व वर्तमान सरकार में उप मुख्यमंत्री के पद को सुशोभित करने वाले   दुष्यन्त चौटाला ने न सिर्फ वादा किया था बल्कि अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल किया हुआ था और आज यह अपने वादे से मुकर रहे हैं। सभी कनिष्ठ अभियंताओं की छठे वेतन आयोग से लंबित वेतन विसंगतियां दूर की जाएं। कनिष्ठ अभियंताओं की एसीपी क्रमश:  5- 11 व 17 साल में दी जाए। प्रमोशन कोटा बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाए । सिंचाई विभाग में एसीपी के लिए विभागीय परीक्षा की शर्त  को हटाया जाए । सभी विभागों में कार्यरत अतिरिक्त उपमंडल अभियंताओं को वित्तीय शक्तियां प्रदान की जाए आदि मांगों को लेकर इंजीनियर हड़ताल पर बैठे।