न्यायालय के आदेशों के बावजूद भी 8 वर्षो से पीडि़त निवेशकों के हाथ खाली : राजकुमार

जिला प्रधान रामजस ने कहा कि सरकार ने बड्स एक्ट बनाकर कंपनीज एवं क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटीज पर प्रतिबंध लगाते हुए पीडि़तों के भुगतान की गारंटी प्रदान की है, जिसका पालन भिवानी में नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भिवानी में बड्स एक्ट के तहत कोई भी कार्यालय नहीं खोला गया, जिसके कारण पीडि़त निवेशक अपने निवेश संबंधी दस्तावेज ही जमा नहीं करवा पा रहे। जो कि शासनादेश का उल्लंघन है।

भिवानी || देश भर के करोड़ों लोगों ने अपने परिवार के सुखद भविष्य की सोच के साथ रूपया निवेश किया था, लेकिन पीएसीएल सहित अन्य चीट फंड कंपनियों ने निवेशकों के साथ धोधाखड़ी कर उनके बच्चों के भविष्य को ही दांव पर लगा दिया। सरकार की बेरूखी के चलते उच्चतम न्यायालय के आदेशों के बावजूद भी 8 वर्षो से पीडि़त निवेशकों के हाथ अभी तक खाली है। ऐसे में वे सरकार से मांग करते है कि न्यायायल के आदेशों का पालन करते हुए पीडि़त निवेशकों को उनकी जमापूंजी वापिस लौटाई जाए, नहीं तो वे बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे। यह बात ऑल इंंडिया इन्वेस्टर आर्गेनाईजेशन के जिला प्रधान रामजस ने रविवार को भिवानी के हुडा पार्क में आयोजित पीडि़त निवेशकों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने बड्स एक्ट-2019 के तहत भिवानी में कार्यालय में खोले जाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि 2 अक्तूबर को दिल्ली में राजघाट पर देश भर के पीडि़त निवेशक एकत्रित होंगे तथा केंद्र सरकार पर जमापूंजी वापिस दिलवाए जाने का दबाव बनाएंगे। जिसमें भिवानी जिला से भी भारी तादात में पीडि़त निवेशक रवाना होंगे तथा अपने हक को लेकर दहाड़ेंगे।  इस मौके पर जिला प्रधान रामजस ने कहा कि सरकार ने बड्स एक्ट बनाकर कंपनीज एवं क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटीज पर प्रतिबंध लगाते हुए पीडि़तों के भुगतान की गारंटी प्रदान की है, जिसका पालन भिवानी में नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भिवानी में बड्स एक्ट के तहत कोई भी कार्यालय नहीं खोला गया, जिसके कारण पीडि़त निवेशक अपने निवेश संबंधी दस्तावेज ही जमा नहीं करवा पा रहे। जो कि शासनादेश का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि कार्यालय ना खुलने कारण चीट फंड कंपनियों में जमा उनके पैसे के भुगतान में ओर अधिक देरी हो रही है। ऐसे में वे मांग करते है कि प्रदेश के अन्य जिलों की तर्ज पर भिवानी में भी बड्स एक्ट-2019 के तहत कार्यालय खोला जाए, ताकि पीडि़त निवेशकों में कुछ उम्मीद जग सकें। 

पीडि़त निवेशक राजकुमार वर्मा ने कहा कि अलग-अलग चीटफंड कंपनियों ने देश के 42 करोड़ ग्राहकों को हजारों करोड़ों रूपये की चपत लगाई, जिसमें अकेले पीएसीएल के देश भर के करीबन 6 करोड़ ग्राहकों को ग्राहकों 49 लगभग हजार 100 करोड़ रूपये की चपत लगी। इनमें भिवानी जिला से लगभग 800 करोड़ रूपये की चपत करीबन दो लाख लोगों को लगी है। जिसके बाद से वे लगातार अपनी जमापूंजी वापिस लेने की मांग को लेकर भटक रहे है। उन्होंने कहा कि अपनी जमापूंजी के इंतजार में लगभग 8 वर्षो के दौरान देश के लगभग पांच लाख नागरिक एवं 1200 सैनिक आत्महत्या कर चुके है, लेकिन सरकार उनकी मांग पर ध्यान ही नहीं दे रही।