हिसार में परानी जलाने से रोकने के लिए विभागों ने फिर कसी कमर...
हिसार में परानी जलाने के मामले में तीन स्थान निर्धारित किए है इस मामले में अवशेष जलाने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। पराली जलाने के मामले में धारा 144 लागू की गई है।
हिसार के कृषि विभाग के डिप्टी डारेक्टर डा. बलवंत सहारण ने बताया कि इस संबंध में हरसेक द्वारा सेटेलाइट से तथा जिला प्रशासन द्वारा गठित विभिन्न कमेटियां निगरानी कर रही है। मौजूदा सीजन में हांसी उपमंडल के गांव बाटला में 2 जगह व उकलाना गांव में 1 जगह किसानों द्वारा फसल अवशेष जलाने की घटनाएं हरसेक द्वारा चिन्हित की गई हैं जिस पर गांव स्तर पर गठित टीम द्वारा जांच करने उपरांत माननीय न्यालय के आदेशानुसार कार्रवाई की जा रही है। डिप्टी डारेक्टर ने बताया कि किसानों से फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन कर खेतों में पराली न जलाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि खेतों में फसल अवशेष जलाने से न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है। बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे धान कटाई के बाद फसल अवशेष को आग ना लगाएं। उन्होंने बताया कि खास कर पराली जलाने को लेकर हिसार में धारा 144 लागू कर दी है जिसमें ज्यादा किसान एकत्रित नही हो सकते है। इसे मिट्टी में दबा कर जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाएं अन्यथा जो किसान फसल अवशेष जलाएंगे उन पर माननीय न्यायालय के अनुसार कार्रवाई करते हुए जुर्माना प्राथमिकी दर्ज करवाई जाएगी। डिप्टी डारेक्टर बलवंत सहारण ने बतायचचा कि पिछले साल हरसैक केंद्र से पराली जलाने के मामले ट्रेस किए थे। जिसमें पराली जलाने में 169 मामले ट्रेस किए गए थे 70 स्थानो पर आग जनि पाई गई और 42 किसानों के आफआईआर दर्ज की थी तथा 33 किसानों पर 1 लाख 70500 रुपये का जुर्मान भी किया था। उन्होंने बताया कि किसानों को पराली न जलाने के लिए जिला स्तर ब्लाक स्तर व ग्राम स्तर भी जागरुकता कैंप लगाए है। हिसार जिले में 141 गांव हरसैंक केद्र के आते है पिछले साल रैड जोन, ओरीज जोन तथा ग्रीन जोन भी बनाए थे।