गुरुग्राम में डेंगू का डंक बहुत खतरनाक, स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर

गुरुग्राम में लगातार डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। डेंगू के मामलों पर नकेल कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टीम गठित कर दी है तो दूसरी तरफ नगर निगम की तरफ से घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं डेंगू के लारवा को खत्म किया जा रहा है।

गुरुग्राम || गुरुग्राम में डेंगू का डंक खतरनाक होता जा रहा है। गुरुग्राम में अभी तक डेंगू के 62  मामले सामने आए हैं, जबकि एक व्यक्ति की डेंगू से मौत हो गई है।   इस पर नकेल कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने कमर कस ली है। साइबर सिटी गुरुग्राम में बरसात के बाद अब डेंगू के मामले सामने आने लगे है l डेंगू के बढ़ते मामलों ने जिला स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी है। गुरुग्राम में लगातार डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। डेंगू के मामलों पर नकेल कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टीम गठित कर दी है तो दूसरी तरफ नगर निगम की तरफ से घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं डेंगू के लारवा को खत्म किया जा रहा है। गुरुग्राम नगर निगम की तरफ से सभी 35 वार्ड में फागिंग कराई जा रही है और लोगों को भी इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है कि वह कहीं भी कूलर या घर के आसपास कोई जलभराव है तो उस पानी को वहां से निकाले।

गुरुग्राम में अभी तक डेंगू के 62 मामले सामने आए हैं। वहीं एक लंबी लिस्ट संभावित मामलों की भी है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्राइवेट हॉस्पिटल को भी साफ कर दिया है कि जो भी डेंगू के मामले आते हैं उसे तुरंत हेल्थ डिपार्टमेंट को बताया जाए। गुरुग्राम में बढ़ते हुए मामले लगातार चिंता बढ़ा रहे हैं तो वहीं डेंगू के डंक को कैसे तोड़ा जाए स्वास्थ्य विभाग लगातार इस पर मंथन कर रहा है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने भी ये साफ कर दिया है कि सर्दी और बारिश के इस मौसम में डेंगू के मामलों में इजाफा होने की पूरी संभावना रहती हैं। 

वहीं डॉक्टर वीरेंद्र यादव की माने तो अक्तूबर और नवंबर में सबसे ज़्यादा ड़ेंगू फैलता है, लेकिन इस बार अगस्त में ही डेंगू के मामले सामने आने शुरू हो गए है जो कि काफी चिंतनीय है। डेंगू से निपटने के लिए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग मिलकर काम कर रहे है। इसी कड़ी में गुरुग्राम के सभी 35 वार्डों में लगातार दवाइयों का छिडकाव कराया जा रहा है। साथ ही लोगों से अपील की जा रही हैं की आप अपने आसपास पानी इकट्ठा न होने दे।