किरण चौधरी के आह्वान पर सड़कों पर उतरे कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता
भाजपा ने सत्ता में आते ही लोगों में नफरत फैलाकर फूट डालो-राज करो की नीति पर जोर दिया तथा लोगों को धर्म व जाति के नाम बांटकर अपना राजनीतिक एजेंडा पूरा करते हुए भाईचारा खत्म करने का काम किया था, लेकिन राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से जन-जन तक नफरत छोड़ो-भारत जोड़ो का संदेश पहुंचाया तथा भाजपा सरकार का जनविरोधी चेहरा जनता के सामने लाने का काम किया। पिलानिया व लेघां ने कहा कि राहुल गांधी की इस यात्रा से भाजपा इतनी बौखला गई थी कि राहुल गांधी की सदस्यता तक को रद्द करवाने का प्रयास किया।
भिवानी || कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा के एक वर्ष पूरा होने पर वीरवार को पूर्व मंत्री एवं विधायक किरण चौधरी के आह्वान पर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्थानीय हांसी रोड़ स्थित किरण चौधरी चौधरी के निवास स्थान से घंटाघर तक पैदल मार्च निकाला। इसके उपरांत घंटाघर पहुंचकर महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम शर्मा की प्रतिमा पर माल्र्यापण कर उनकी जयंती मनाई। इस मौके पर उपस्थित कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जिला बार एसोसिएशन के प्रधान सत्यजीत पिलानिया व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कृष्णा लेघां ने कहा कि एक वर्ष पहले राहुल गांधी ने देश भर में भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी, जिसका उद्देश्य भाजपा सरकार द्वारा जाति व धर्म के नाम पर लोगों को बांटकर बिगाड़े गए आपसी भाईचारे को फिर से कायम करना था।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आते ही लोगों में नफरत फैलाकर फूट डालो-राज करो की नीति पर जोर दिया तथा लोगों को धर्म व जाति के नाम बांटकर अपना राजनीतिक एजेंडा पूरा करते हुए भाईचारा खत्म करने का काम किया था, लेकिन राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से जन-जन तक नफरत छोड़ो-भारत जोड़ो का संदेश पहुंचाया तथा भाजपा सरकार का जनविरोधी चेहरा जनता के सामने लाने का काम किया। पिलानिया व लेघां ने कहा कि राहुल गांधी की इस यात्रा से भाजपा इतनी बौखला गई थी कि राहुल गांधी की सदस्यता तक को रद्द करवाने का प्रयास किया। वही महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम शर्मा को नमन करते हुए पिलानिया ने कहा कि पंडित नेकीराम शर्मा देश में आजादी आंदोलन के राष्ट्रीय नेता रहे हैं। उन्होंने आजादी के लिए चलाए जा रहे होमरूल, असहयोग, सविनय अवज्ञा, नमक सत्याग्रह व भारत छोड़ों आंदोलन में बढ़-चढकऱ हिस्सा लिया और लोगों को जागरूक किया। उन्होंने बेगार प्रथा, बाल विवाह, पर्दा प्रथा, दहेज प्रथा, जातिवाद व छूआछात के विरोध व किसानों के हित में अनेक आंदोलन चलाए। इन समाज सुधार आंदोलन के कारण उन्होंने काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। परन्तु वे झुके नहीं। उन्होंने कहा कि पंडित नेकीराम शर्मा की समृद्ध विरासत हमारे नौजवानों को सही रास्ता दिखाती है।