राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में पढ़ेंगे बच्चे भारत का इतिहास
मुख्य अतिथि इन्द्रेश कुमार ने कहा कि एक स्वाधीन और संप्रभु राष्ट्र के नागरिकों को विशेष तौर पर भावी पीढ़ी के लिए यह बहुत आवश्यक है कि वे अपनी विद्यालयी शिक्षा के दौरान ही इतिहास की घटनाओं को वस्तुपरक ढंग से समझें ताकि उनमें राष्ट्रभक्ति व राष्ट्रप्रेम की भावना उत्पन्न हो। बोर्ड द्वारा तैयार करवाई गई पाठ्यपुस्तकें अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ छात्रों के व्यक्तित्व के चंहुमुखी विकास में प्रभावशाली मार्गदर्शन करेगी। उन्होंने बोर्ड के प्रयासों व उनकी कटिबद्धता की भूरि-भूरि प्रंशसा की।
भिवानी || राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के बैनर तले इतिहास बोध को लेकर आज हरियाणा शिक्षा बोर्ड में एक संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने शिरकत की तथा विशिष्ठ अतिथि के तौर पर प्रो० आर.के. मित्तल, कुलपति, चौ० बंसीलाल विश्वविद्यालय, भिवानी,भूपेन्द्र धर्माणी, पूर्व राज्य सूचना आयुक्त, हरियाणा, डॉ० रविप्रकाश, प्रो० इतिहास, चौ० बंसीलाल विश्वविद्यालय, भिवानी एवं बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। इस मौके पर इतिहासकारों व विद्वानों ने अपने-अपने विचार रखे तथा इतिहास विषय को और अधिक सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया। मुख्य अतिथि इन्द्रेश कुमार ने कहा कि एक स्वाधीन और संप्रभु राष्ट्र के नागरिकों को विशेष तौर पर भावी पीढ़ी के लिए यह बहुत आवश्यक है कि वे अपनी विद्यालयी शिक्षा के दौरान ही इतिहास की घटनाओं को वस्तुपरक ढंग से समझें ताकि उनमें राष्ट्रभक्ति व राष्ट्रप्रेम की भावना उत्पन्न हो। बोर्ड द्वारा तैयार करवाई गई पाठ्यपुस्तकें अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ छात्रों के व्यक्तित्व के चंहुमुखी विकास में प्रभावशाली मार्गदर्शन करेगी। उन्होंने बोर्ड के प्रयासों व उनकी कटिबद्धता की भूरि-भूरि प्रंशसा की। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति रोजगार परख है साथ ही सद्भवना भी बढ़ेगा। वहीं उन्होंने नूह में हुए जातिगत हमलों का विरोध किया और कहा कि इस तरह के जातिगत हमले अच्छे नही होते। उन्होंने कहा कि विकास के लिए सब धर्मों को मिलकर एक साथ कार्य करने की जरूरत है।
वहीं बोर्ड चैयरमेन डॉ० वीपी यादव ने कहा कि इतिहास की नई पुस्तकों का लेखन विषय विशेषज्ञों एक इतिहासकारों द्वारा सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। पूर्व में इतिहास की पुस्तकों में हमारे मूल इतिहास को उचित स्थान नहीं मिल पाया था। शिक्षा नीति-2020 के निर्देशों की अनुपालना में इतिहास की इन पुस्तकों के माध्यम से करने का सार्थक प्रयत्न किया गया है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड देश की नीतियों एवं भारतीयता के इतिहास के बोध को लेकर आगे बढ़ रहा है। ये पाठ्यपुस्तकें अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ छात्रों के व्यक्तित्व के चहुंमुखी विकास में प्रभावशाली मार्गदर्शन करेंगी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में बच्चे पढ़ रहे है और अध्यपको को भी नई ट्रैनिंग देनी शुरू की है।