सरकारी स्कूलों के बच्चें भी पढ़ सकेंगे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में...
अब सरकारी स्कूलों के बच्चें भी पढ़ सकेंगे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में, सरकार ने प्रदेश के 109 सरकारी स्कूलों को दिया राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सैकेंडरी स्कूल का दर्जा, सरकारी स्कूल में अंग्रजी भाषा के ज्ञान के लिए खोली जा रही है इंगलिश लैब, ब्च्चों व अभिभावकों ने जताई ख़ुशी।
रादौर (कुलदीप सैनी) || पैसे के अभाव में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने की इच्छा दबा देने वाले छात्रों के लिए अच्छी खबर है, अब सरकार ने प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों को राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सैकेंडरी स्कूल का दर्जा प्रदान किया है, जिसके तहत अब इन दर्जा प्राप्त स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दी जाएगी। रादौर में भी शिक्षा विभाग ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सैकेंडरी स्कूल का दर्जा प्रदान किया है। रादौर विधानसभा क्षेत्र में यह पहला ऐसा स्कूल होगा, जहां अब बच्चों को छठी से 12वी तक अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दी जायेगी। शिक्षा विभाग की ओर से रादौर के इस सरकारी स्कूल में अंग्रजी भाषा के ज्ञान के लिए इंगलिश लैब खोली जा रहीं है। जिसको लेकर विभाग की ओर से स्कूल में 30 कंप्युटर भेजे गये है। स्कूल में अभी भिवानी बोर्ड के माध्यम से शिक्षा दी जायेगी। बाद में इस स्कूल को सीबीएसई पैटर्न से जोडा जायेगा।
इस बारे जानकारी देते हुए स्कूल के इंचार्ज महाकर सिंह ने बताया कि कैबिनेट में प्रस्ताव पास होने के बाद अब स्कूल में जल्द ही अंग्रेजी माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने के लिए सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएँ प्रदान होगीं। स्कूल में पूरा स्टाफ होगा। बच्चों के लिए स्मार्ट कक्षाएँ, कंप्यूटर लैब, साईंस लैब की सुविधाएँ होगी। स्कूल पूरी तरह से अपग्रेड होगा। स्कूल में आईटी का इस्तेमाल किया जायेगा। जिससे स्कूल का पूरा नक्शा बदल जायेगा। कैबिनेट की मंजुरी के बाद धीरे धीरे स्कूल में सभी सुविधाएँ मिलनी शुरू हो जायेगी। जिसके बाद यह स्कूल क्षेत्र व शहर के प्राईवेट स्कूलों को टक्कर देगा। अंगे्रजी माध्यम से स्कूल में गुणवक्ता के आधार पर शिक्षा दी जायेगी। जिसके लिए बच्चों से नाममात्र की फीस ली जायेगी।
रादौर के स्कूल को मॉडल संस्कृति सीनियर सैकेंडरी स्कूल का दर्जा मिलने पर बच्चों सहित स्थानीय लोगों ने सरकारी स्कूल रादौर मेंं बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से आधुनिक शिक्षा देने की योजना का स्वागत किया है। उन्होंने कह कि सरकार की इस योजना से गरीब वर्ग के बच्चें आधुनिक अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर सकेगें। खैर सरकार का यह कदम सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। खासकर उन बच्चों के लिए तो यह अवसर से कम नहीं है जोकि पैसों के आभाव में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते थे।