चरखी दादरी- डाक्टरों की हड़ताल के चलते ओपीडी का इंतजार कर वापस लौटे मरीज!
चरखी दादरी में हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर जिले के 17 राजकीय स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात 60 चिकित्सकों ने हड़ताल पर रहते हुए ओपीडी नहीं देखी। इसके चलते सिविल अस्पताल, मातृ-शिशु अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं पूर्ण रूप से प्रभावित रहीं। हालांकि हड़ताल के बावजूद इमरजेंसी केस अटेंड किए गए।
चरखी दादरी में हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर जिले के 17 राजकीय स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात 60 चिकित्सकों ने हड़ताल पर रहते हुए ओपीडी नहीं देखी। इसके चलते सिविल अस्पताल, मातृ-शिशु अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं पूर्ण रूप से प्रभावित रहीं। हालांकि हड़ताल के बावजूद इमरजेंसी केस अटेंड किए गए। वहीं, चिकित्सकों की हड़ताल के चलते जिले में 1500 से अधिक मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। इस दौरान चिकित्सकों ने जहां मांगे पूरी नहीं होने पर 29 दिसंबर से एमरजेंसी सेवाएं भी बंद करने की दी चेतावनी वहीं आर-पार की लड़ाई का ऐलान भी किया।
बता दें कि दादरी सहित जिलेभी के सभी 17 स्वास्थ्य केंद्रों की दैनिक ओपीडी करीब 1500 रहती है। चिकित्सकों की हड़ताल के चलते सुबह से ही ओपीडी नहीं देखी और हड़ताल पर रहे। चिकित्सकों की हड़ताल के चलते 100 फीसदी ओपीडी प्रभावित रही और 1500 मरीजों को बिन उपचार के ही लौटना पड़ा। चिकित्सकों के कक्ष खाली पड़े रहे और बाहर मरीजों की भीड़ लगी रही। मरीजों को घंटो इंतजार करने के बाद बैरंग लौटना पड़ा। मरीजों ने बताया कि डाक्टरों की हड़ताल का खामियाजा उनको भुगतना पड़ रहा है। वे दूर-दूर से इलाज के लिए पहुंचे लेकिन कोई डाक्टर व सुविधा नहीं होने से वापस लौटना पड़ रहा है। एचसीएमएस के जिला प्रधान राजीव बेनीवाल ने उनकी प्रमुख मांगों में पीजी पॉलिसी में बॉन्ड की राशि 1 करोड़ से घटा कर 50 लाख की जाए। उसके लिए कुछ गिरवी ना रखवाया जाए। जिससे मध्यम वर्ग से आने वाले डॉक्टर पीजी करके जनता की सेवा कर पाएं। स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी को पूरा करते हुए स्पेशलिस्ट कैडर का निर्माण एसोसिएशन के सुझाव पर किया जाए। अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी को 29 दिसंबर को इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी।