गुरुग्राम में कोरोना से युद्ध मे मास्क न पहनने को लेकर कटे करोड़ो के चालान...
"लोग ह की मानते नही"कोरोना महामारी को लेकर साइबर सिटी के लोग कितने सजग है कितने जागरूक है इसका आदाज़ आप इसी बात से लगा सकते है की गुरुग्राम पुलिस विदआउट मास्क लोगो के करोड़ो के चालान काट चुकी है लेकिन बावजूद इसके आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है |
गुरुग्राम (संजय खन्ना) || "लोग ह की मानते नही"कोरोना महामारी को लेकर साइबर सिटी के लोग कितने सजग है कितने जागरूक है इसका आदाज़ आप इसी बात से लगा सकते है की गुरुग्राम पुलिस विदआउट मास्क लोगो के करोड़ो के चालान काट चुकी है लेकिन बावजूद इसके आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है | दरअसल देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एमाइआरसी ने मास्क पहनने को लेकर गाइडलाइन जारी की थी लेकिन साइबर सिटी के लोगो ने तमाम गाइड लाइन्स को धत्ता बताते हुए करोड़ो के चालान तो करवाये लेकिन इसके बावजूद मानने को तैयार नही है | आपको बता दें कि पुलिस ने विदआउट मास्क लोगो के तकरीबन 43 हज़ार 731 चालान कर | ऐसे तमाम बेपरवाह लोगो से 2 करोड़ 18 लाख की जुर्माना राशि ऐसे तमाम लोगो से वसूल चुकी है |
आपको बता दें कि साइबर सिटी में क्यो मास्क पहनना जरूरी है हो जाता है आइए एक नज़र जरा तेज़ी से उप्पर चढ़ते कोरोना संक्रमित मामलो पर डाले आकड़ो पर डाले तो आप भी हैरान हो जाएंगे | दरअसल बीती 1 सितंबर से 16 सितंबर तक गुरुग्राम में 4411 नए कोरोना संक्रमित मामले दर्ज किए गए है जबकि इन 16 दिनों में 20 लोगो की संक्रमण से जूझते हुए जान भी जा चुकी है | वही 2733 मरीजो ने रिकवर किया जिनमे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी शामिल रहे है | अब जरा आपको दिखाते है साइबर सिटी के सदर बाजार इलाके का सूरतेहाल जहाँ ज्यादातर लोगो ने मास्क तो डाला हुआ है लेकिन सोशल डिस्टनसिंग को लेकर न लोग जागरूक है और न ही दुकानदार ही इसमे कोई एहतिहात बरत रहे है | अब जरा सुने ऐसे लोगो के बहाने जो विदआउट मास्क सदर बाजार इलाके में घूम कर कोरोना को जैसे खुदबखुद आमंत्रित कर रहे है |
अब जरा गुरुग्राम के कोरोना के आकड़ो पर गौर कीजिए तो हर रोज तकरीबन 275 संक्रमित मरीज सामने आने लगे है | जबकि इस जानलेवा महामारी से अभी तक 153 संक्रमण से जूझते मरीजो की मौत भी हो चुकी है और लगातार आंकड़ा बढ़ता जा रहा है | गुरुग्राम में 2654 एक्टिव केस अस्पतालों में या फिर होम आइसोलेशन में अपना इलाज करवाने में जुटे है | यही वो तमाम कारण थे जिसके चलते मास्क पहनना अनिवार्य किया गया था | लेकिन "लोग ह के मानते नही" |