व्यवसायी के बेटे चिन्मय गर्ग ने एचपीएससी में पांचवा रैंक हासिल किया

चिन्मय के अनुसार यूपीएससी की तीन बार परीक्षा दी, सफलता नहीं मिली तो दूसरी बार में एचपीएससी की परीक्षा पास कर खुशी हुई है। यूपीएससी व एचपीएससी की सफलता को लेकर उसनपे निजी कंपनी की नौकरी छौड़कर पढ़ाई की तो सफलता मिली है।

चरखी दादरी || दादरी में व्यवसायी का बेटा चिन्मय गर्ग ने दूसरी बार में एचपीएससी में सफलता प्राप्त करते हुए पांचवां रैंक हासिल किया है। सफलता के बाद घर पहुंचने पर परिजनों ने मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाई और बेटे की उपलब्धि पर गर्व करते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की। वहीं चिन्मय गर्ग ने प्रशासनिक अधिकारी बनकर दादा का सपना पूरा किया। परिजनों ने कहा कि परिवार का पहला बेटा प्रशासनिक अधिकारी बनेगा, इसकी बहुत खुशी है और उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। चरखी दादरी की पुरानी अनाजमंडी के व्यवसायी विनय गर्ग का 23 वर्षीय बेटा चिन्मय गर्ग की प्राथमिक पढ़ाई शहर में ही हुई और बाद की पढ़ाई व आईआईएमटी कोटा से बीटेक परीक्षा पास की। मन में यूपीएससी की सफलता का मन में सपना संजोये चिन्मय लगातार दिल्ली में तैयारी कर रहा है।

यूपीएससपी की तीन बार परीक्षा देने के बाद भी मन में हार नहीं मानी और लगातार प्रयास में एचपीएससी की दूसरी बार में पांचवां रैंक प्राप्त किया। चिन्मय ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी बनकर दादा का सपना पूरा किया है। वह भविष्य में भी यूपीएससी की परीक्षा में सफलता के लिए प्रयास करता रहेगा अभी तो सिर्फ शुरुआत है। टारगेट यूपीएससी में अच्छा रेंक लाने का ही रहेगा। चिन्मय के अनुसार यूपीएससी की तीन बार परीक्षा दी, सफलता नहीं मिली तो दूसरी बार में एचपीएससी की परीक्षा पास कर खुशी हुई है। यूपीएससी व एचपीएससी की सफलता को लेकर उसनपे निजी कंपनी की नौकरी छौड़कर पढ़ाई की तो सफलता मिली है। उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहकर फिटनेस के साथ-साथ पढ़ाई पर ध्यान देने का आह्वान किया और कहा कि मेहनत करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी। चिन्मय गर्ग की मां सीमा देवी गृहिणी हैं और उन्होंने कहा कि वे पढ़ाई करके अाफिसर बनना चाहती थी लेकिन वह नहीं बन पाई तो बेटा ने सपना पूरा कर दिया। पिता विनय गर्ग व्यवसायी के साथ-साथ शिक्षण संस्थाओं से भी जुड़े हैं और बेटे की सफलता का श्रेय उनकी मेहनत को देते हुए कहा कि चिन्मय ने परिवार का मान बढ़ा दिया है।