सोनीपत के मोहन नगर में स्थित मित्तल फ़्लोर मिल पर सीएम फ्लाइंग की बड़ी छापेमारी

सोनीपत के मोहन नगर में मित्तल फ्लोर मिल पर सीएम फ्लाइंग टीम द्वारा छापेमारी की गई है। जहां छापेमारी के दौरान 180 गेहूं के बैग सरकारी मार्के के पाए गए हैं।वहीं एक गाड़ी भी मौके पर पकड़ी गई है। मौके पर मित्तल फ़्लोर मिल संचालक द्वारा मार्केट कमेटी की फीस की चोरी की गई थी ।जिसके एवज में मार्केट कमेटी ने 33300 की वसूली मौके पर की है। वहीं नगर निगम से ट्रेड लाइसेंस भी नहीं लिया हुआ था। मौके पर एक्सपायरी डेट का भी काफी मात्रा में आटा मिला है। पहले भी सोनीपत में जहरीला कूटू का आटा खाकर लोगों की मौत हो चुकी है।

सोनीपत || सोनीपत में फ्लोर मिल संचालक नियमों को तक पर रखकर बिना एक्सपाइरी डेट के आटा पेकिंग कर रहे हैं।गरीबों के निवाले पर डाका डाला जा रहा है। सस्ते दामों में फ्लोर मिल और आटा चक्की पर बेच दिया जाता है।सोनीपत के रोहतक रोड पर स्थित मोहन नगर कॉलोनी में मित्तल फ़्लोर मिल पर सीएम फ्लाइंग द्वारा छापेमारी की गई है। मौके पर सरकारी गेहूं से भरा हुआ गेहूं का कैंटर पाया गया है और वही फ्लोर मिल में 580 गेहूं के बैग में 290 क्विंटल गेहूं मिला है। मौके पर 180 बाग ऐसे भी मिले जिन पर एफसीआई और गवर्नमेंट आफ हरियाणा का सरकारी मार्क लगा हुआ है और फ्लोर मिल संचालक के द्वारा नगर निगम से ट्रेड लाइसेंस नहीं लिया हुआ था और वही मार्केट कमेटी सोनीपत और एचआरडीएफ की फीस की भी चोरी की गई थी वही मार्केट कमेटी द्वारा 6लाख 67000 के गेहूं की मार्केट फीस और एचआरडीएफए की फीस पर जुर्माने सहित ₹33300 की वसूली मौके पर की गई है। छापेमारी के दौरान फ्लोर मिल में 5 किलो वजन की आटे से भरे हुए बैगों पर एक किसी भी प्रकार की एक्सपायरी डेट नहीं लिखी हुई थी और वही यह लापरवाही लोगों के लिए मौत का कारण बन सकती है वही मौके पर 50 किलोग्राम वजन के काफी आटे से भरे हुए कट्टे रखे हुए मिले हैं जिन पर एक्सपायरी डेट खत्म हुई पाई गई है।

मौके पर सीएम फ्लाइंग की टीम ने जब गोहाना से सोनीपत पहुंची गाड़ी के ड्राइवर से पूछताछ की तो ड्राइवर दीपक ने बताया कि वह गोहाना के अलग-अलग गांव में किसानों से गेहूं खरीद कर फ्लोर मिल पर पहुंचना है लेकिन वास्तविकता यह भी है कि जिस प्रकार से एफसीआई और गवर्नमेंट आफ हरियाणा सरकारी मार्के के बैग में गेहूं भरा हुआ पाया है। इस पर सवालिया निशान यह खड़ा होता है आखिर इतना सारा सरकारी गेहूं कहां से पहुंचा और क्या वाकई में गांव गांव से इतना अनाज मिल जाता है। सच यह भी है कि ग्रामीण और शहरी स्तर पर जिस प्रकार से डिपो होल्डर पर सरकारी अनाज गरीबों के लिए भेजा जाता है। काफी डिपो होल्डर इस प्रकार सरकारी  अनाज को फ़्लोर  मिल और चक्की पर बेच देते हैं। वही नगर निगम में फ्लोर मिल संचालक के को नोटिस भेज कर बाकी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समय अवधि देगा और इस दौरान अगर दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया तो फ्लोर मिल को सील किया जाएगा। वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग  ने मौके पर 180 गेहूं के कट्टे ऐसे पाएं हैं जिनपर सरकारी मां का लगा हुआ मिला है और मामले की जानकारी एफसीआई अधिकारी को दे दी गई है और विभाग यह भी जांच करवाइए की यह गेहूं कहां-कहां से और किसी सूरत में यहां पर पहुंचा है।