यमुनानगर में अपनी मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ ने किया प्रदर्शन...
यमुनानगर में अपनी मांगों को लेकर आज भारतीय किसान संघ ने धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर का पुतला फूंका।
यमुनानगर (सुमित ओबेरॉय) || यमुनानगर में अपनी मांगों को लेकर आज भारतीय किसान संघ ने धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर का पुतला फूंका।भारतीय किसान संघ के प्रदेश नेता रामबीर चौहान ने बताया कि दिल्ली में किसान संगठनों की बैठक हुई और उसमें तय हुआ था कि 15 सितंबर से मोटे धान की खरीद शुरू हो जाएगी लेकिन अब तक नही हुई अब ये 1 अक्टूबर से खरीद शुरू होने की बात कह रहे है लेकिन हमें अब विश्वास नही है कि खरीद शुरू हो पाएगी।वही तीन अध्यादेशों के मुद्दे पर कहा कि ये नेता अपने आपको धरतीपुत्र कहते है तो इन्हें किसानों से अद्यादेश लाने से पहले चर्चा कर लेनी चाहिए थी कि हम ये बिल लेकर आ रहे है पहले ही बता देते तो सभी पहलुओं पर बात होती तो आज इतना शोर नही मचता।
भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री रामबीर सिंह चौहान ने बताया कि आज हमारी मुख्य मांग है कि मोटे धान की खरीद जल्द शुरू की जाए। दिल्ली के अंदर 15 सितंबर को किसान संगठनों के साथ बैठक हुई थी। जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर वह भी थे जो सरकार ने तीन अध्यादेश पारित किए हैं उनके विषय में किसान संगठनों के साथ चर्चा हुई थी ।साथ-साथ यह भी चर्चा हुई थी कि मोटे धान की एमएसपी पर खरीद जल्दी शुरू की जाए ।तो सरकार द्वारा कहा गया था कि हम 15 सितंबर से धान की खरीद शुरू कर देंगे। लेकिन सरकार से पीछे हट रही है और एक हफ्ते का जिन्होंने लेट किया है 1 तारीख से हम धान की खरीद शुरू करेंगे। लेकिन हमें अभी भी विश्वास नहीं है कि 1 तारीख से धान की खरीद शुरू हो पाएगी। क्योंकि हमें कहीं भी मंडियों में तैयारी नजर नहीं आ रही। इस बीच आढ़तियों और सेलर वालो ने खुली लूट मचाई जिस धान का रेट 1850 से 1888 रुपये तक है हमारी जो पीआर धान है उसको ये 1200 रुपये से 1500 रुपए में लूट रहे है।ये किसानों का भारी आर्थिक शोषण है।हम सरकार को आज ये बताना चाहते है कि हमारा धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण है ।लेकिन सरकार नही जागी तो भारतीय किसान संघ भी सड़को पर आएगा। यह सब अनुभवहीन लोग हैं जिन्हें किसानों के दुख दर्द का नहीं पता यह सब लोग अफसरशाही के हाथों में खेल रहे हैं। ऐ सी में बैठकर बड़े बड़े अफसर योजना बनाते हैं यह सरकार उसी पर काम कर रही है ।अपने आप को धरतीपुत्र कहते हैं तो इन्हें किसानों के साथ एक बार चर्चा कर लेनी चाहिए। कि हम यह तीन बिल लेकर आ रहे हैं पहले ही बता देते इतना खामियों पर चर्चा कर लेते तो आज इतना शोर मचता।