सिंगल यूज़ प्लास्टिक के 19 आइटमों पर बेन , नहीं मिले रहे प्लास्टिक के ऑप्शन

देश भर में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया गया है। यानि अब ग्लास, चम्मच, 75 माइक्रोन से कम के बैग और कटलरी सामग्री समेत अन्य का अब उपयोग प्रतिबंधित होगा ।

सिंगल यूज़ प्लास्टिक के 19 आइटमों पर बेन , नहीं मिले रहे प्लास्टिक के ऑप्शन

Delhi (Neeshu Sharma) || देश भर में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया गया है। यानि अब ग्लास, चम्मच, 75 माइक्रोन से कम के बैग और कटलरी सामग्री समेत अन्य का अब उपयोग प्रतिबंधित होगा । इनमें थर्माकोल से बनी प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, मिठाई के बक्सों पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारे की छड़ें और आइसक्रीम पर लगने वाली स्टिक, क्रीम, कैंडी स्टिक और 100 माइक्रोन से कम के बैनर शामिल हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिर्फ इन 19 उत्पादों पर बैन लगाने से बात नहीं बनेगी। इस कदम से प्लास्टिक कचरे में कमी नहीं लायी जा सकती। सिंगल यूज प्लास्टिक हमारे लिये काफी नुकसानदायक है। यह ना सिर्फ शरीर को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी नुकसान होता है।


एशिया की सबसे बड़ी मंडी आज़ादपुर में जहा सिंगल यूज़ प्लास्टिक का भारी स्टॉक देखने को मिला | आज़ादपुर मंडी में सिंगल यूज़ प्लास्टिक खुलेआम बेची जा रही है | और वही इतना स्टॉक होने के कारण उद्योगपति  और व्यापारी काफी परेशान व असमंजस में नज़र आए। उद्योगपतियों के अनुसार बैन लग चुका है और अब वह अपनी फैक्ट्रियां बंद कर रहे हैं। मशीनों से कुछ और सामान बनाना संभव नहीं है। जो मशीनें अन्य आइटम बना भी सकती हैं उन्हें अपग्रेड करने में काफी खर्च आएगा। वहीं व्यापारी परेशान हैं कि उन्हें इन आइटमों के विकल्प महंगे तो मिल ही रहे हैं लेकिन डिमांड के अनुरूप भी नहीं मिल रहे हैं। वही व्यापारियों का कहना है की इस बेन के बाद उनके रोज़गार पर बड़ा असर पड़ेगा | क्युकी सभु फल सब्जिया इन्ही प्लास्टिक की थेलियो में लाइ जाती है |  अंगूर सेब आदि सभी फलो की लेनदेन इनही प्लास्टिक की थेलियो में किया जाता है | वही दूध जैसे पेय पदार्थ भी इन्ही प्लास्टिक में बेचे जाते है |

वही व्यापारियों का यह भी कहना है की कुल मिलकर 50 से 60 प्रतिशत फल इसी प्लास्टिक और थर्माकोल में पैक होकर आते है | और इस प्लास्टिक के मार्किट में ओप्शन्स भी उपलब्ध नहीं है जिस से लोग असमंजस में पड़ गए है |  और इस बेन का प्रभाव उनके रोज़गार पर पड़ेगा | इस बार बैन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में इसे लागू किया है। अब तक केवल कुछ राज्यों में बैन होने पर पड़ोसी राज्य से वहां सामग्री की आपूर्ति होती रहती थी। इसीलिए बैन कभी प्रभावी नहीं हो सका। और बेन के बावजूद भी लोग प्लास्टिक आइटमों का उपयोग चलता रहा |