बहादुरगढ़ नगर परिषद चल रहा टेंडर आवंटन में अबौव रेट का खेल...
बहादुरगढ़ नगर परिषद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगना अब आम बात हो गई है। कभी स्ट्रीट लाईट, कभी सफाई घोटाला तो कभी मैस्टिक के नाम पर गोलमाल । लेकिन अब टैंडर में ही गोलमाल सामने आया है। निर्धारित रेट से ज्यादा रेट पर टैंडर छोड़े जा रहे हैं और भी सुनियोजित तरीके से। नगर परिषद ने रेलवे लाईन के साथ पार्क बनाने के लिए 2 करोड़ 61 लाख 40 हजार का टैंडर लगाया ।लेकिन ये टैंडर परिषद ने तीन करोड़ 48 लाख 49 हजार रूप्ए में अलॉट कर दिया। यानि पूरे 70 लाख रूप्ए ज्यादा। महज एक टैंडर में ही परिषद को 70 लाख का चूना लगा है। ऐसे दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं। अब नगर पार्षदों ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाते हुए बताया कि अबौव रेट के इस खेल में पार्क में टैंडर में तीन बिड आई। एक बिडर का टैंडर रद्ध कर दिया गया। जो बाकि दो बिडर यानि ठेका फर्म बची उनमें से एलएमके के रेट कम थे इसलिए उसे ठेका अलॉट कर दिया। एलएमके का एमओयू पार्वती एंटरप्राईजेज के साथ है । पार्वती एंटरप्राईजेज और दूसरे नम्बर पर रही फर्म इंड सैनिटेशन सॉल्यूशन का डायरेक्टर कृष्ण कुमार एक ही व्यक्ति है। यानि ये साफ है कि एक ही ठेकेदार की दो फर्म पहले और दूसरे नम्बर की बिडर बनी और जो इनके कम्पीटिशन में थी उसका टैंडर रद्ध कर दिया गया।
निर्धारित रेट से ज्यादा रेट पर टैंडर अलॉट होने का ये कोई अकेला मामला नही है। गली और नालों के दर्जन भर से ज्यादा ऐसे ही टैंडर सामने आ चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके एक्सईएन नवीन धनखड़ कहते हैं कि सभी टैंडर नियमों के हिसाब से अलॉट किए गये हैं। अगर कोई कागजों की गड़बड़ है तो जांच कर कार्यवाही की जाएगी। नगर परिषद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले पार्षद भाजपा के हैं और कहा ये भी जाता है कि कांग्रेस की चेयरपर्सन शीला राठी को भाजपा के कुछ पार्षद स्पोर्ट भी करते हैं। भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों के चलते अब उच्चस्तरीय जांच की मांग उठ रही है। आरोप तो ये भी लगा है कि महिला चेयरपर्सन शीला राठी के अधिकारों का इस्तेमाल उनके बेटे संदीप राठी करते हैं।