आरटीए विभाग में फैले भ्रष्टाचार को लेकर एक और बड़ा खुलासा
आरटीए विभाग में फैले भ्रष्टाचार को लेकर एक और बड़ा खुलासा। यमुनानगर के डीटीओ और करनाल का चार्ज संभालने वाले डीटीओ सुभाष चंद्र के बाद अब अंबाला पंचकूला व यमुनानगर का ल अतिरिक्त चार्ज संभालने वाले डीटीओ और रमित यादव और करनाल मोटर व्हीकल ऑफिसर जैसमेर को करनाल स्टेट विजिलेंस ने किया गिरफ्तार।
Delhi || Abhay || आरटीए विभाग में फैले भ्रष्टाचार को लेकर रोज़ नए खुलासे हो रहे हैं ।जहां कुछ दिन पहले यमुनानगर और करनाल का चार्ज संभालने वाले डीटीओ सुभाष चंद्र को करनाल स्टेट विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया था। वही अब इस मामले में अंबाला पंचकूला और यमुनानगर का चार्ज संभालने वाले डीटीओ और रमित यादव को भी विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है।इसके साथ करनाल के मोटर व्हीकल ऑफिसर कम इंस्पेक्टर जसमेर को भी गिरफ्तार किया है आज करनाल स्टेट विजिलेंस ने दोनों को कोर्ट में पेश कर 3 दिन के रिमांड पर लिया गया है जिससे मामले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं। भ्रष्ट अधिकारी विजिलेंस के निशाने पर है इस बार करनाल स्टेट विजिलेंस ने अंबाला पंचकूला व यमुनानगर के एडिशनल डीटीओ रमित यादव और करनाल के मोटर वहीकल ऑफिसर कम इंस्पेक्टर जसमेर को भी गिरफ्तार किया है। दरअसल विजिलेंस ने इन दोनों को जांच के लिए बुलाया था। जांच में जब सवाल जबाव के दौरान यह संतोषजनक जवाब ना दे पाए तो साक्ष्यों के आधार पर विजिलेंस ने दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया। डीटीओ मूल रूप से झज्जर जिला के रहने वाले हैं। वे वर्ष 2020 बैच के एचसीएस हैं। इससे पहले वे फैजपुर यूपी में कैंटोनमेंट बोर्ड के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर रह चुके हैं। वही जसमेर वर्ष 2012 में भर्ती हुआ था। वह कबड्डी का खिलाड़ी है और गोल्ड मेडल जीत चुका है।
यमुनानगर कोर्ट में इन्हें पेश करने लाये स्टेट विजिलेंस टीम के इंस्पेक्टर सचिन ने बताया कि यमुनानगर के डीटीओ सुभाष चंद्र और उनके साथ पांच दलाल भी गिरफ्तार हुए थे और 68 लाख से अधिक रिकवरी भी हुई थी।उसके बाद इस मामले के तार अंबाला डीटीओ से जुड़े।इस से पहले गिरफ्तार दलाल सोनू जगाधरी व सुनील कुमार वासी गांव धौलरा के दलाल ने बताया कि वे ओवरलोड व कमर्शियल वाहनों की मंथली डीटीओ रमित यादव को भी देते थे। वहीं आरटीए करनाल का एमवीओ कम इंस्पैक्टर जसमेर पूर्व के डीटीओ डॉ सुभाष चंद्र के लिए करनाल से मंथली इकट्ठा करता था। अब इस मामले में डीजीपी विजिलेंस शत्रुजीत कपूर की और एक एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी में डीएसपी नरेंद्र कादियान, इंस्पेक्टर सचिन व इंस्पेक्टर अमित शामिल है। अब ये एसआईटी पूरे मामले की जांच कर रही है। । बता दे प्रदेश का एक बड़ा मामला है। जिस तरह से मामले की जांच चल रही है और भी कई लोग फंस सकते हैं। मामला करोड़ों के भ्रष्टाचार और कई हजार वाहन निकालने का है।
अंबाला के डीटीओ भी यमुना नगर के डीटीओ सुभाष चंद्र की तरह एजेंटों के माध्यम से ट्रांसपोर्टरों और ओवरलोड वाहन चालकों से मंथली एकत्रित करते थे जबकि एमवीओ जसमेर यमुनानगर के डीटीओ सुभाष के लिए करनाल क्षेत्र में वसूली करता था. दोनों आरोपियों को यमुनानगर की जिला अदालत में पेश किया गया जहां से आरोपियो को 3 दिन के रिमांड पर भेजा गया है। मंथली वसूली के इस खेल में करनाल के एमवीओ जसमेर और अंबाला के डीटीओ रमित यादव के नाम भी सामने आए थे. इसी के चलते विजिलेंस ने अब इन दोनों अफसरों को गिरफ्तार कर लिया है. इंस्पेक्टर ने बताया कि धरे गए आरोपी एमवीओ जसमेर की पुराने मामले में ही कड़ी जुड़ी है. वहीं डीटीओ सुभाष चंद्र की गिरफ्तारी के बाद अंबाला के डीटीओ रमित यादव के पास पंचकूला और यमुनानगर के डीटीओ का अतिरिक्त प्रभार था. उन्होंने बताया कि दोनों आरोपी खनन की जो भी गाड़ियां ओवरलोड होकर चलती थीं या अन्य सामान के जो भारी वाहन ओवर हाइट होकर चलते थे, उनके ट्रांसपोर्टर या वाहन मालिक से एजेंटों के माध्यम से मंथली एकत्रित करते थे.
खासतौर पर यमुनानगर, अंबाला, पंचकूला और करनाल से गुजरने वाले ओवरलोड वाहनों के ट्रांसपोर्टरों से राशि वसूली जाती थी। भ्रष्टाचार के इस खेल में दो एचसीएस अधिकारी अब तक गिरफ्तार हो चुके हैं अब देखना होगा की जांच में और कितने बड़े खुलासे होते हैं।