बच्ची से रेप के बाद हत्या मामले में आरोपी को सजा-ए-मौत
आरोपी ने गहन पूछताछ में बताया कि उसने नाबालिग लड़की को बिस्किट दिलाने का बहाना बनाकर अपने साथ ले गया और गांव बंचारी के खेतों में ले जाकर उसके साथ जबरन बलात्कार किया और उसके बाद उसकी हत्या कर लड़की का शव को वहीं डाल आया। आरोपी की निशानदेही पर बच्ची का शव को बरामद किया गया।
पलवल || जिला अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत राणा की फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने 7 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या और फिर दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए दोषी को फांसी की सजा सुनाई हैं। दोषी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया हैं। इसके अलावा सरकार को पीड़ित परिवार को ₹30 लाख की राहत राशि देने के भी आदेश फरमाए हैं। मामले में पीड़िता के वकील राजेंद्र खत्री की मजबूत दलीलों का भी अहम योगदान रहा हैं जिनके चलते न्यायाधीश प्रशांत राणा ने आरोपी को दोषी मानते हुए अधिकतम सजा मृत्युदंड सुनाई हैं।
पीड़ित परिवार के वकील राजेंद्र खत्री के अनुसार साल 2021 में मुंड कटी थाना अंतर्गत छतरपुर एमपी निवासी ने दिनांक 24 मई 2021 को अपनी 7 वर्षीय नाबालिक लड़की के घर से गुम होने बारे में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर मात्र 24 घंटों के अंदर ही साक्ष्यों के आधार पर एमपी निवासी आनंद को गिरफ्तार कर गुत्थी सुलझाने में कामयाबी हासिल की थी। आरोपी ने गहन पूछताछ में बताया कि उसने नाबालिग लड़की को बिस्किट दिलाने का बहाना बनाकर अपने साथ ले गया और गांव बंचारी के खेतों में ले जाकर उसके साथ जबरन बलात्कार किया और उसके बाद उसकी हत्या कर लड़की का शव को वहीं डाल आया। आरोपी की निशानदेही पर बच्ची का शव को बरामद किया गया। जांच इकाई ने अभियोग में प्रभावी कार्यवाही करते हुए एवं साक्ष्य जुटाकर मामले में शामिल आरोपी को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा एवं महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाकर अदालत में पेश किए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत राणा फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी एमपी निवासी आनंद को दोषी माना। न्यायाधीश ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। आरोपी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया हैं।
अदालत द्वारा सुनाए गए इस फैसले की पूरे पलवल जिले में चर्चाएं हैं और लोगों ने अदालत के फैसले को सराहा हैं। वहीं जिला बार एसोसिएशन पलवल ने भी अदालत के फैसले की सरहाना करते हुए कहा की इस तरह के फैसलों से अपराधियों में भय का माहौल बनता हैं जिससे अपराधों में कमी आती हैं।