अंबाला में एक ऐसा गांव, जहां शाम होते ही उड़ जाती है लोगों की नींद...

अंबाला एक ऐसा गांव, जहां शाम होते ही उड़ जाती है लोगों की नींद। घर का कमरा हो या फिर बरामदा, हर जगह नजर आता है लाल रंग का कीड़ा। किसी को बच्चों की चिंता तो कोई रात भर रहता है परेशान। हम बात कर रहे हैं नारायणगढ़ के गांव कुल्लड़पुर की। जहां पूरे गांव के लोग पास बने वेयरहाउस कॉरपोरेशन से आने वाली सुरसरी के आतंक से परेशान हैं। शाम होते ही गांव के लगभग हर घर में सुरसरी का आतंक शुरू हो जाता है और लोगों के बैडरूम, किचन यहां तक की खाने के सामान में भी सुरसरियां ही दिखाई देती हैं। ग्रामीणों की माने तो कई बार शिकायतें की, लेकिन सुनवाई नहीं होती।

अंबाला में एक ऐसा गांव, जहां शाम होते ही उड़ जाती है लोगों की नींद...

अम्बाला (अंकुर कपूर) || नाराणगढ़ के गांव कुल्लड़पुर में रहने वाला हर परिवार इन दिनों लाल रंग के कीड़े यानि सुरसरी से परेशान है। शाम होते ही सुरसरियों का आतंक शुरू हो जाता है और लाइट के साथ घरों में आना शुरू हो जाती है। शाम होते ही गांव के लोग इन सुरसरियों से बचने के उपाए करना शुरू कर देते हैं। घर के अंदर व बाहर दवाई का छिड़काव किया जाता है। सुबह होते ही लोग घरों को साफ करते हैं। दिन भर भी लोगों की दीवारों व घर के दरवाजों पर चल रही सुरसरी को साफ देखा जा सकता है। लोगों का कहना है कि शाम होते ही सुरसियों के कारण घर में बैठना व सोना भी मुश्किल हो जाता है। बैड से लेकर किचन तक सुरसरियां ही सुरसरियां होती है। लोगों ने बताया कि इसके आतंक से बचने के लिए दवाई का छिड़काव करते हैं। वहीं कई लोग तो बच्चों को इसके आतंक से बचाने के लिए बकायदा शाम होते हुए ही बच्चों के कान में रुई डाल देते हैं ताकि इसके आतंक से बचाया जा सके। शाम होते ही जैसे लाइट आॅन करते हैं तो सुरसरियां आ जाती हैं। शाम को घर में बैठना व सोना भी मुश्किल हो जाता है। खाना भी लाइट बंद करके खाना पड़ता है। पास में ही वेयरहाउस है वहां से सुरसरियां आ जाती हैं। रोजाना सुबह घर की सफाई करनी पड़ती है।

घर का बरामदा या फिर दरवाजे। घर की रसोई हो या फिर खाने पीने का सामान। हर जगह सुरसरियों का आतंक देखने को मिल रहा है। इस दौरान गांव की एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि रसोई के दरवाजों के नीचे से सुरसरियां अंदर दाखिल हो जाती हैं और खाने के सामान को भी खराब कर देती हैं। चाहे आटा हो या फिर चावल। हर जगह सुरसरियां ही नजर आती हैं।

शाम होते ही घर के बड़ों को इन लाल रंंग के कीड़ों के आतंक की चिंता शुरू हो जाती है और परिवार के लोगों को इससे बचाने के लिए शाम होने से पहले ही घर के चारों तरफ दवाई का छिड़काव शुरू कर दिया जाता है। ताकि शाम होते ही रोशनी देखकर उनके घर पर आक्रमण करने वाले इन लाल रंग के कीड़ों से परिवार को बचा सकें। जब हमने घर में छिड़काव करने वाले इस व्यक्ति से बात की तो उसने बताया कि शाम होते ही लाल रंग का कीड़ा घरों में घुस जाता है। जिससे परिवार व बच्चों को बचाने के लिए घर के बाहर दवाई का छिड़काव करते हैं। पास बने गोदाम से यह कीड़े आते हैं और कई बार शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होती।

इस लाल रंग के कीड़े से महिलाएं अपने बच्चों को लेकर चिंतित हैं। दिन हो या रात बच्चों को इससे बचाने के लिए हर संभव प्रयास करती हैं। शाम होते ही लाल रंग कीड़ा परेशान कर देता है। कमरों में भी यह कीड़ा आ जाता है। जिसके कारण बच्चे के कान में रुई देकर उसकी देखभाल करते हैं। एक व्यक्ति हमेशा बच्चे के पास रहता है, ताकि कोई सुरसरी उसको नुकसान न पहुंचा सके। प्रशासन को इस संबंध में उचित कार्रवाई की जा रही है।

इस नमी के मौसम के कारण सुरसरी पैदा हो जाती है। वैसे तो गोदाम में लगातार छिड़काव किया जा रहा है और काफी हद तक इस पर कंट्रोल भी हो चुकी हैं। ग्रामीण आकर मिले थे और गोदाम में चारों तरफ छिड़काव किया जा रहा है। जब गोदाम में माल आता है तो बोरियों में एग सेल आ जाते हैं और कुछ ही दिनों में सुरसरी बन जाती है। लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ताकि इसपर कंट्रोल किया जा सके।