हिसार के नगथला गांव मेंं 35 दूधरु पशुओं की रहस्यमय बीमारी से मौत...
हिसार जिले के गांव में नगथला गांव में एक परिवार के चार पशुपालकों का पिछले 48 घटों में 35 पशुओं के मरने का मामला सामने आया है और पशुओं के मरने का सिलसिला जारी है। नंगथला गंाव में पशुओं पालकों की 35 दूधरू भैंसों मर चुकी है पशुओं के मरने का मामला थमने नही रहा है। इससे दूधरु पशुओं के मरने से एक ही परिवार के पशुपालकों का लगभग 35 लाख रुपयों से अधिक का नुक्सान हो चुका है और ढाई लाख रुपये की दवाईया दी जा चुकी है परंतु स्थिति ज्यो की त्यो बनी हुई लगातार पशु मर है पशु चिकित्सो द्वारा दी गई दवाईया कोई असर नही हो रहा है। इस तरह का मामला हिसार जिले में देखने में आया है। ऐसे में चिताए काफ ी बढ गई है। पशुपालकों का आरोप है लुवास के चिकित्सकों को सूचित कर दिया परंतु टीम लेट पहुची है। इस मामले को लेकर पशुपालन विभाग की टीम तथा लुवास की टीम ने गांव मे पशुओं का ईलाज शुरु किया है इसके बावजूद भी लगातार पशुमर रहे है स्थिति ज्यो ती त्यो बनी हुई है। यह किस बीमारी भैंसों में आई है ऐसा यह पहली बार हुआ है। लुवास व पशुपालन विभाग इस अज्ञात बीमारी को देखते आज मृत पशुओं का पोस्टमार्टम किया है और टीम ने मौके पर कई तरह सैंपल लिए है सैंपलों की रिपोर्ट तीन बाद आने की संभावना है फि लहाल पशुपालकों के पशु लगातार मर रहे है। रणबीर ने कहा कि प्रशासन के उनका पूरा सहयोग करना चाहिए पशुपालकों की हरियाणा के मुख्यमंत्री व जिला प्रशासन से मांग है कि जो पशु मर चुके है उन्हें सरकार से उचित मुआवजा मिलना चाहिए। आपको बता दे कि बलबीर, रणबीर दिनेश सरजीत चारो सगे भाई है चारो गंाव में पशुपालन का काम करते है उनके घर में 110 पशु है।
हिसार (प्रवीण कुमार) || नगथला निवासी रणबीर सिंह बलबीर सिंह दिनेश सरजीत चारो सगे भाई है और वे बताया कि वे नगथला गांव में पशुपालक है और पशुओं का दूध बेच कर अपने घर का गुजर बसर करते है। उन्होंने बताया कि उन्होंने घरों में लगभग 110 पशु है और समय पर उनकी देखभाल करते है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन दिन पूर्व उनके भैंसों की अचानक तबीयत खराब हुई थी।
अब तक 35 दूधरु पशुओं की मौत हो चुकी है अभी यह समझ नही आया कि किस कारण से उनकी मौत हुई है। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग व लुवास के चिकित्सकों को रविवार को सूचित किया परंतु टीम रविवार को नही पहुची थी। समय पर ईलाज न मिलने के कारण उनके पशुओं की मौत हो हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसे में चिकित्सकों को अपनी जिम्मेवारी समझते हुए ईलाज करना चाहिए था पंरतु लेट ईलाज किया गया। उन्होंने कहा कि अचानक भैंस की तबीयत खराब होती है और खडी खडी भैस के पांव डगमाने लगते है थोडी देर बाद भैंस दम तोड देती है अभी यह समझ नही आया है उन्होने बताया कि चिकित्सकों ने टीम ने दवाईया दी है परंतु पशुओं पर दवाईयों का असर कम ही दिख रहा है। उन्होंने बताया कि जब वे पशुओं को बीमा करवाने के लिए जाते है परंतु कोई भी पशुओं को बीमा नही करता उनकी हरियाणा के मुख्य मत्री व प्रशासन से मांग है कि जो दूधरु पशु मर चुके है उन्हें उचित मुआवाज मिलना चाहिए।
पशुचिकित्सक ड़ा. मनीद्र ने बताया कि हिसार पशुओं के मामले को देते हुए हुए चिकित्सीय जांच के लिए लुवास व पशुपालन विभाग ने मिलकर टीमों का गठन किया है। जिसमें लुवास के पशु चिकित्सक डा. रमेश यादव व पशुपालन विभाग के एसडीओ प्रेम प्रकाश गैरा के नेतृत्व चिकित्सा टीमों का गठन किया है। उन्होंने बताया कि मृतक पशुओं का पोस्टमार्टम किया गया है। उन्होंने आज चारे के, ब्लैड तथा लारवा के सैंपल लिए है जो सैंपल लुवास लेबोरेट्री में भेज गए है। उन्होंने बताय कि तीन दिन बाद सैपलों की रिपोर्ट आएगी जिसमें पता चल पाएगा।