सोनीपत के बड़वासनी के नजदीक सीएलसी नहर टूटने से 300 एकड़ भूमि जलमग्न
सोनीपत के गांव चिटाना, किलोहड़द, समेत कई सड़क मार्ग प्रभावित हुए हैं। सड़कों पर भी पानी फैला हुआ है और वही प्रशासन द्वारा अलर्ट जारी किया गया है और जहां बड़वासनी गांव की तरफ से जाने के रास्ते को कुछ देर के लिए बंद भी किया गया है और रूट डायवर्ट किया गया है।
सोनीपत || सीएलसी नहर में रात को करीबन 2:30 बजे कटाव होने के चलते क्षेत्र में खेती, सड़कें और ,गौशाला जलमग्न हो गई है। सिंचाई विभाग द्वारा समय पर सफाई और रिपेयरिंग ठीक ढंग से ना होने के कारण लापरवाही सामने आई है। जहां 100 फुट चौड़े एरिया से भूमि का कटाव होने से सीएलसी नहर का पानी क्षेत्र के चारों तरफ फैल गया। जहां खेतों में 300 से 500 एकड़ क्षेत्र जलमग्न होने की संभावना मानी जा रही है। जहां कुछ क्षेत्र में फसले भी उगाई गई थी। जिसके चलते फसलों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा और वहीं दूसरी तरफ से बड़वासनी गांव के नजदीक बनी हुई गौशाला में रखा हुआ 200 मन चारा पानी में खराब हो गया है और वही गौशाला में कई फुट पानी भर गया है।
सोनीपत के गांव चिटाना, किलोहड़द, समेत कई सड़क मार्ग प्रभावित हुए हैं। सड़कों पर भी पानी फैला हुआ है और वही प्रशासन द्वारा अलर्ट जारी किया गया है और जहां बड़वासनी गांव की तरफ से जाने के रास्ते को कुछ देर के लिए बंद भी किया गया है और रूट डायवर्ट किया गया है। वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो करीबन रात के वक्त सीएलसी नहर में कटाव हुआ था। लेकिन सिंचाई विभाग की लापरवाही यह भी देखने को मिली 7 से 8 घंटे बीत जाने के बाद भी विभाग के कर्मचारी और अधिकारी नहीं पहुंचे।
सिंचाई विभाग जहां करोड़ों रुपए नहरों की सफाई और मेंटेनेंस के लिए खर्च होने का दावा करता है ऐसे में सवालिया निशान यह खड़े होते हैं कि आखिर समय पर मेंटेनेंस और सफाई की होती तो आज एक किसानों को और आमजन को कटाव का सामना नहीं करना पड़ता। वही मौके पर रेस अन्य विभाग के प्रशासनिक अधिकारी व पटवारी मौके पर मौजूद है। वही फसलों के जलमग्न की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। फिलहाल गांव ख़ूबडू हेड से पानी के जलस्तर को कम किया गया है और वही प्रशासन कटाव हुई जगह पर मिट्टी डलवाकर कटाव रोकने का प्रयास कर रहा है।