Yamunanagar:एसएचओ और जांच अधिकारी गिरफ्तार

भ्रष्टाचार के आरोपों में यमुनानगर में खाकी फिर दागदार।थाने का एसएचओ और जांच अधिकारी गिरफ्तार।2लाख की रिश्वत लेने के आरोप में एचएचओ गांधीनगर सुभाष और जांच अधिकारी संजीव को जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार एक मुकदमे में धारा बदलने और शिकायतकर्ता के पिता का नाम निकालने की एवज में ₹2लाख की रिश्वत ली थी।

||Delhi||Nancy Kaushik||भ्रष्टाचार के आरोपों में यमुनानगर में खाकी फिर दागदार।थाने का एसएचओ और जांच अधिकारी गिरफ्तार।2लाख की रिश्वत लेने के आरोप में एचएचओ गांधीनगर सुभाष और जांच अधिकारी संजीव को जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार एक मुकदमे में धारा बदलने और शिकायतकर्ता के पिता का नाम निकालने की एवज में ₹2लाख की रिश्वत ली थी। शिकायतकर्ता ने 2 लाख रुपए की नकद राशि जांच अधिकारी को दी। लेकिन अब तक भी ना तो धारा बदली  गई और ना ही केस से   नाम निकाला गया। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने  इसकी शिकायत यमुनानगर के एसपी मोहित हांडा को दी। एसपी यमुनानगर ने शुरुआत में सामने आए तथ्यों के आधार पर तुरंत कार्रवाई करते हुए एसएचओ गांधीनगर और गांधीनगर थाने के जांच अधिकारी  संजीव दोनों को  भ्रष्टाचार अधिनियम एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है।अब दोनो को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा।
 मारपीट व स्नैचिंग के केस में नाम निकालने व धारा कम करने के नाम पर गांधीनगर थाना प्रभारी सुभाष चंद्र व जांच अधिकारी संजीव कुमार ने दो लाख रुपये की रिश्वत ली। यह आरोप चांदपुर निवासी आशिक अली ने लगाए गए हैं। आरोप था कि पैसे लेने के बाद भी उनके पिता का नाम केस नहीं निकाला गया। उसने थाना प्रभारी व जांच अधिकारी से बातचीत की रिकार्डिंग की और सुबूतों के साथ एसपी मोहित हांडा को शिकायत दी। इसके बाद मामले की जांच कराई गई। देर रात एएसपी जसलीन कौर व डीएसपी राजीव की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ आशिक अली की शिकायत पर शहर यमुनानगर थाना में केस दर्ज कराया गया। पुलिस को दी शिकायत के अनुसार, चांदपुर निवासी आशिक उसके भाई व पिता आरिफ के खिलाफ 30 अगस्त को मारपीट, स्नैचिंग व धमकी देने का मामला गांधीनगर थाना में दर्ज हुआ था। आशिक का आरोप है कि उनके खिलाफ झूठा मुकदमा बिना तफ्तीश किए दर्ज किया गया। इस केस में आशिक को अग्रिम जमानत हाई कोर्ट से मिल गई थी। जबकि उसके पिता की जमानत जगाधरी में सेशन जज शालिनी नागपाल की कोर्ट से हुई थी। 25 नवंबर को वह जांच अधिकारी संजीव कुमार से मिले और केस की सही तफ्तीश करने के लिए अनुरोध किया। जिस पर जांच अधिकारी ने आशिक से कहा कि उसके पिता आरिफ का नाम निकाल दिया जाएगा। 379 बी धारा की जगह 379 कर दी जाएगी। इसके लिए थाना प्रभारी सुभाष चंद्र से मिलवाए। जांच अधिकारी व थाना प्रभारी ने दो लाख रुपये की मांग की। उन्हें कहा गया कि एक लाख रुपये डीएसपी हेडक्वार्टर को देने होंगे और एक लाख रुपये वह खुद रखेंगे। दो दिसंबर को उन्हें दो लाख रुपये दे दिए। आरोप था कि उनके पिता का नाम केस नहीं निकाला गया और न ही धारा बदली। थाना प्रभारी व जांच अधिकारी से पैसे वापस मांगे तो उन्होंने पैसे भी वापस नहीं किए और धमकी दी कि वह खुद पुलिस अधिकारी हैं। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। यमुनानगर में लगातार खाकी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर रही है ।जहां एंटी करप्शन ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए साडोरा थाना प्रभारी ,छछरौली थाने के ड्राइवर, और खेड़ी लक्खा सिंह चौकी इंचार्ज को गिरफ्तार किया था तो वहीं अब एसपी यमुनानगर  ने एक्शन लेते हुए इन अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की है।