पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह समेत इन लोगों को भारत रत्न का ऐलान, क्या इसका लोकसभा चुनाव पर होगा असर

बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेट्फार्म एक्स पर ट्वीट करते हुए जानकारी दी है कि पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता रहे चौधरी चरण सिंह, पूर्व पीएम नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक एस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार इससे पहले बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा कर चुकी है। ऐसा पहली बार होगा की ये पुरस्कार एक साथ पांच लोगो को दिया जा रहा है।

बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेट्फार्म एक्स पर ट्वीट करते हुए जानकारी दी है कि पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता रहे चौधरी चरण सिंह, पूर्व पीएम नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक एस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार इससे पहले बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा कर चुकी है। ऐसा पहली बार होगा की ये पुरस्कार एक साथ पांच लोगो को दिया जा रहा है।
लोकसभा चुनाव से पहले इन नेताओं को भारत रत्न देने का फैसला मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। ऐसा देखा जा रहा की इन नेताओ को भारत रत्न देने से भाजपा को बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में चुनावी फायदा दे 
सकती है। इससे पहले 2019 में भारत रत्न भूपेन हजारिका, नानाजी देशमुख और प्रणव मुर्खजी को दिया गया था।
इस बार का भारत रत्न क्यों है खास? 
2024 लोकसभा चुनाव की तारिखे नजदीक आ रही है। ऐसे समय में केंद्र सरकार का भारत रत्न देने का ऐलान करना चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। इस बार भारत रत्न जिन-जिन लोगों को देने का ऐलान किया है उसमें कर्पूरी ठाकुर ,लालकृष्ण आ़़डवाणी,चौधरी चरण सिंह,नरसिम्हा राव और एस स्वामीनाथन शामिल है। आइये देखते है ये इन नेताओं को भारत देना आने वाले चुनाव पर क्या असर डालेगी।
कर्पूरी ठाकुर- कर्पूरी ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री थे और इनको बिहार के बड़े पिछड़ा वर्ग नेता के तौर पर देखा जाता है। इनको भारत देने से भाजपा को बिहार और उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग के वोटों में बड़ा फायदा मिल सकता है।
लालकृष्ण आडवाणी- आडवाणी भाजपा के संस्थापक और राममंदिर आंदोलन के मुख्य नेता थे। इनको भआरत रत्न देने से भाजपा को हिंदू वोटो में फायदा मिलेगा जो कि भाजपा के कोर वोट बैंक है।
चौधरी चरण सिंह- चरण सिंह भारत के प्रधानमंत्री और किसान नेता थे। इनको भारत रत्न देना भाजपा के लिए बड़ा मास्टर स्ट्रोक हो सकता है। जैसा की पहले देखा गया है कि तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान सरकार से पहले ही नाराज चल रहे है। सरकार का ये कदम किसान की नराजगी कम करने में सहायक होगा ।
नरसिम्हा राव- राव भारत के प्रधानमंत्री रह चुके है। नरसिम्हा राव 1992 में जब बाबरी मस्जिद गिराया गया तो उस समय की मौजूदा केंद्र सरकार की अगुआई कर रहे थे, इसके अलावा इनके कार्यकाल में हुए आर्थिक सुधारों के लिए जाना जाता है।
एस स्वामीनाथन- कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रान्ति का जनक माना जाता है। 
पहली बार कब दिया गया था भारत रत्न?
भारत रत्न सबसे पहले 1954 में पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन, राजगोपालचारी और सी.वी रमन को दिया गया था। अब तक कई बार भारत रत्न दिये जा चुके है और ऐसा पहली बार होगा कि जब पांच लोगों को एक साथ ये सम्मान दिया जा रहा है। इससे पहले ये सर्वोच्च सम्मान 1999 में चार लोगों को दिया गया था।