पिस्तौल व डंडो से लैस बदमाशों ने पुलिस गाड़ी को लूटने का किया प्रयास
हथियारबंद बदमाशों द्वारा दादरी सीआईए पुलिस की गाड़ी लूटने का प्रयास किया लेकिन पुलिस टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए चार बदमाशों को पिस्तोल, डंडों व एक्सयूवी गाड़ी सहित दबोच लिया। काबू बदमाश काला साहुवास गैंग से जुड़े हैं।
|| Charkhi Dadri || Aditya Kumar || हथियारबंद बदमाशों द्वारा दादरी सीआईए पुलिस की गाड़ी लूटने का प्रयास किया लेकिन पुलिस टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए चार बदमाशों को पिस्तोल, डंडों व एक्सयूवी गाड़ी सहित दबोच लिया। काबू बदमाश काला साहुवास गैंग से जुड़े हैं। पुलिस के समक्ष बदमाशों द्वारा गैंगस्टर प्रदीप कासनी की पुलिस कस्टडी में हत्या करने साजिश रची जा रही थी। काबू बदमाशों में झज्जर पुलिस द्वारा घोषित इनामी बदमाश अमरजीत उर्फ पंकज साहुवास शामिल है। पुलिस ने केस दर्ज करते हुए कोर्ट से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।
DSP हैडक्वार्टर विरेंद्र श्योराण ने प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस गाड़ी लूटने वाले सभी बदमाशों की मीडिया के समक्ष पेश किया और बदमाशों द्वारा रची जा रही साजिश का खुलासा किया। डीएसपी ने बताया कि दादरी सीआईए टीम के एसआई अनिल पहलवान अपनी टीम के साथ गुप्त सूचना के आधार पर रालवधी चौक से भिवानी रोड पर पहुंचे। इसी दौरान रात के अंधेरे में एक्सयूवी गाड़ी में सवार चार बदमाशों ने पुलिस की गाड़ी को घेर लिया और लूटने का प्रयास भी किया। पुलिस टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए सभी काबू कर लिया। हालांकि बदमाशों द्वारा पुलिस पार्टी भी हमले का प्रयास किया गया। काबू बदमाशों की पहचान चरखी दादरी जिला के गांव साहुवास निवासी अमरजीत उर्फ पंकज, रविंद्र उर्फ ठाकुर मकड़ाना, नितिन मकड़ाना व अरुण दुधवा के रूप में हुई। दर्जनों मामलों में लिप्त गैंगस्टर अमरजीत उर्फ पंकज साहुवास पर झज्जर पुलिस द्वारा 5 हजार रुपए का इनाम रखा गया है।
मीडिया के समक्ष डीएसपी विरेंद्र श्योराण ने बताया कि सभी बदमाश काला साहुवास गैंग से जुड़े हैं और प्रदीप कासनी गैंग के साथ इनकी दुश्मनी चल रही है। अभी तक गैंगवार के चलते दर्जनभर लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं। काबू बदमाशों में गैंगस्टर प्रदीप कासनी की हत्या करने के मुख्य साजिशकर्ता अमरजीत उर्फ पंकज साहुवास पर दादरी, झज्जर, भिवानी सहित कई जिलों में 12 मामले दर्ज हैं। वहीं रविंद्र उर्फ ठाकुर पर 9 व नीतिन पर एक मामला दर्ज है। उन्होंने बताया कि सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। रिमांड के दौरान कई बड़े मामलों का खुलासा हो सकता है।