चित्र नहीं चरित्र देखकर ही वोट करें
सिर्फ जात के नाम पर वोट न करें, नेता चुन रहे हो अपना जीजा नहीं। व्यक्तिगत हित नहीं, देशहित में वोट जरूर करें। चित्र नहीं चरित्र देखकर ही वोट करें। इन पंक्तियों की तख्ती हाथों में लेकर चौक-चौराहों पर लोगों को ‘वोटिंग' बारे जागरूक कर रहा है रंगकर्मी संजय रामफल। साथ ही भीड़-भाड़ क्षेत्रों में लोगों को नसीहत भी दे रहा है कि चरित्र देखकर ही देशहित में वोट जरूर करें। संजय रामफल की इस पहल की चर्चा पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
चरखी दादरी। सिर्फ जात के नाम पर वोट न करें, नेता चुन रहे हो अपना जीजा नहीं। व्यक्तिगत हित नहीं, देशहित में वोट जरूर करें। चित्र नहीं चरित्र देखकर ही वोट करें। इन पंक्तियों की तख्ती हाथों में लेकर चौक-चौराहों पर लोगों को ‘वोटिंग' बारे जागरूक कर रहा है रंगकर्मी संजय रामफल। साथ ही भीड़-भाड़ क्षेत्रों में लोगों को नसीहत भी दे रहा है कि चरित्र देखकर ही देशहित में वोट जरूर करें। संजय रामफल की इस पहल की चर्चा पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।बता दें कि रंगकर्मी संजय रामफल ने माया नगरी मुम्बई की चकाचौंध को छोड़कर समाज हित में कार्य करने का बीड़ा उठाते हुए खुशियों की दिवार शुरू की थी। साथ ही समाज में कुरुतियांे के खिलाफ भी अभियान चलाए हैं। इसी कड़ी में संजय रामफल पिछले एक सप्ताह से लोगों को ‘वोट का अधिकार' बारे जागरूक कर रहे हैं। रेलवे फाटक, बस स्टैंड, चौक-चौराहों व अन्य स्थानों पर हाथों में तख्ती लेकर खड़े हो जाते हैं और शत-प्रतिशत मतदान करने बारे लोगों को जानकारी देकर बिना जाति-पाति व चरित्रवान को ही वोट करने की नसीहत भी दे रहे हैं। उनकी इस पहल की क्षेत्र में खासी चर्चा हो रही है।संजय रामफल कहते हैं कि आज की राजनीति ऐसी हो गई है कि लोग पैसे लेकर वोट करते हुए अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। जहां राजनेता चुनाव के समय पैसे से वोट खरीदते हैं वहीं अनेक लोग ऐसे भी हैं तो अपना इमान बेच देते हैं। कहा कि अगर कुछ लोगों को भी अपने वोट का अधिकार के प्रति जागरूक कर पाया तो बड़ी बात होगी। जब भी मौका मिलता है तो वे तख्ती लेकर सड़कों पर खड़े होकर लोगों को जागरूक करते रहते हैं।परिजनों व दोस्तों संग सोशल मीडिया पर चलाई मुहिमसंजय रामफल ने बताया कि हर किसी को वोट करना चाहिए। वोट देकर हम एक ईमानदार और मजबूत सरकार चुनते हैं। वोट देते समय चित्र नहीं चरित्र देखा जाना चाहिए। संजय रामफल की मां, पत्नी, भांजी और दोस्त के साथ इस मुहिम को सोशल मीडिया पर लोगों तक पहुंचाते हैं। दूसरों से भी अपील कर रहे हैं कि वे अपने परिवार और आसपास के एरिया में लोगों को मतदान के लिए जागरूक करें।