कनीना में स्कूली बस हादसे के बाद ऐक्शन मोड़ में गुरुग्राम जिला प्रशासन डीसी गुरुग्राम का ब्यानं....हर एक बच्चा सुरक्षित वाहन में स्कूल जाए

कनीना में हुए स्कूली बस हादसे के बाद गुरुग्राम जिला प्रशासन एक्शन मोड़ में आ गया है। गुरुग्राम के डीसी निशांत कुमार की माने तो जिले में सभी स्कूल वाहनों और उनके चालकों का व्यापक स्तर पर निरीक्षण किया जा रहा है। जो भी स्कूल वाहन सुरक्षित नहीं पाया जाएगा, उसे जब्त कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। कनीना में हुए स्कूल बस हादसे के बाद हरियाणा सरकार इस मामले में अब कई कड़े कदम उठाने जा रही है।

कनीना में हुए स्कूली बस हादसे के बाद गुरुग्राम जिला प्रशासन एक्शन मोड़ में आ गया है। गुरुग्राम के डीसी निशांत कुमार की माने तो जिले में सभी स्कूल वाहनों और उनके चालकों का व्यापक स्तर पर निरीक्षण किया जा रहा है। जो भी स्कूल वाहन सुरक्षित नहीं पाया जाएगा, उसे जब्त कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। कनीना में हुए स्कूल बस हादसे के बाद हरियाणा सरकार इस मामले में अब कई कड़े कदम उठाने जा रही है। हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव ने आदेश दिए है कि हर एक जिले में स्कूल वाहनों की चेकिंग होनी चाहिए। जो कोई वाहन सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के अनुरूप नहीं है, उसे बंद कर दिया जाना चाहिए। स्कूल वाहनों के चालक पूर्ण रूप से प्रशिक्षित और ड्राईविंग लाईसेंस धारक होने चाहिए। उनकी मेडिकल फिटनेस ठीक होनी चाहिए। कोई भी चालक अप्रशिक्षित या नशे का आदी पाया जाता है तो उसे फौरन स्कूल वाहन से हटाया जाए।
डीसी ने बताया कि मुख्य सचिव के आदेश के बाद स्कूल बसों के सर्वेक्षण कार्य को जिला प्रशासन ने तत्काल शुरू कर दिया है। शनिवार और रविवार को जिला में पांच स्थानों पर प्राइवेट स्कूलों की बसों और वैन की चेकिंग की जा रही है। इसके लिए उच्च स्तर पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई हैं। जिसमें एसडीएम, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त, सीईओ जिला परिषद, आरटीएस सचिव, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, ट्रैफिक पुलिस, हरियाणा रोडवेज व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल है।
डीसी ने बताया कि गुरूग्राम जिला में छोटे-बड़े करीब पांच सौ प्राइवेट स्कूल और 2600 स्कूल बसें हैं। इन स्कूल बसों के अलावा अभिभावक अपने स्तर पर जिन प्राइवेट वाहनों में बच्चों को भेजते हैं, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी संबधिक प्राइवेट स्कूल प्रबंधन की होगी। जिले का एक भी बच्चा असुरक्षित वाहन में घर से स्कूल तक का सफर नहीं करेगा। इसके लिए जिला प्रशासन पूरे एक्शन मोड में है और आने वाले दिनों में सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी को लेकर प्रभावी परिवर्तन देखने को मिलेंगे।
सरकारी नियमों के अनुसार एक स्कूल वाहन में जीपीएस सिस्टम, स्वस्थ व प्रशिक्षित चालक-परिचालक, फस्ट एड बॉक्स, बस पर पीला रंग, स्कूल प्रबंधक के फोन नंबर, बस में सीसीटीवी कैमरा, 50 किलो मीटर प्रति घंटा की गति का स्पीड गर्वनर होना आवश्यक है। बस में रंगीन शीशे या पर्दे नहीं लगे होने चाहिए। इस पर रिफलेक्टर टेप लगी होनी जरूरी है। बस की आरटीए ऑफिस से रूटीन में सरकारी नियम अनुसार पासिंग होनी  चाहिए। डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि स्कूल वाहनों  की चेकिंग सख्ती से होनी चाहिए। इसमें किसी प्रकार की ढिलाई ना बरती जाए
हरियाणा के कनीना में बच्चों से भरी स्कूली बस का एक्सीडेंट हुआ था जिसमे 6 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गयी एवम 2 को गंभीर हालात में गुरुग्राम के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हादसे के बाद पुलिस ने स्कूल प्रिंसिपल ,मालिक और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया था,जिन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है।