दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरनारत खिलाड़ियों के समर्थन में उतरे पहलवानों के परिवार
एक तरफ जहां अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी दिल्ली के जंतर-मंतर पर महिला खिलाड़ियों के साथ शोषण सहित कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरनारत हैं वहीं विनेश, संगीता फौगाट के गांव बलाली के पहलवानों के साथ-साथ कोच द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फौगाट भी समर्थन में आए हैं।
||Delhi||Nancy Kaushik||एक तरफ जहां अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी दिल्ली के जंतर-मंतर पर महिला खिलाड़ियों के साथ शोषण सहित कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरनारत हैं वहीं विनेश, संगीता फौगाट के गांव बलाली के पहलवानों के साथ-साथ कोच द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फौगाट भी समर्थन में आए हैं। परिजनों ने धरनारत पहलवानों को खाना नहीं लाने पर आपत्ति जताई और विनेश के भाई हरविंद्र खाना लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं महाबीर फौगाट ने बातचीत के माध्यम से पहलवानों की मांगों का समाधान करने की बात कही है।
बता दें कि चरखी दादरी के गांव बलाली को अंतर्राष्ट्रीय महिला पहलवानों के साथ-साथ दंगल गर्ल गांव के नाम से जाना जाता है। द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फौगाट द्वारा तैयार महिला पहलवानों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को खासी पहचान दिलाई है। वहीं गांव की बेटी विनेश व अन्य पहलवानों ने महिला पहलवानों के साथ हुए शोषण की घटना से खेल जगत में हर तरफ निंदा हो रही है। जांच कमेटी से नाराज व दिल्ली पुलिस द्वारा डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण पर एफआईआर दर्ज नहीं करने से नाराज हरियाणा के अंतरराष्ट्रीय पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर दूसरी बार धरने पर बैठे हैं।
महिला पहलवान विनेश फौगाट के भाई हरविंद्र फौगाट ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पर महिला पहलवानों के साथ शोषण सहित कई आरोप भी लगाए। साथ ही धरनारत पहलवानों को खाना नहीं लाने देने पर भी आपत्ति जताई। हरविंद्र ने कहा कि वह करीब 20 पहलवानों का खाना लेकर दिल्ली रवाना हो गया है। अगर महिला पहलवानों के साथ शोषण मामले में ऐसा ही होता रहेगा तो खेल जगत के साथ-साथ देश की महिलाएं भी स्वयं को असुरक्षित महसूस करेंगी। कड़ी कार्रवाई होने पर ही वे वापिस लौटेंगे। गांव बलाली से पहलवानों का दल भी दिल्ली जाएगा इसके लिए बातचीत चल रही है। वहीं द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फौगाट ने कहा कि जांच कमेटी अगर फैसला देती ताे पहलवानों को धरने पर नहीं बैठना पड़ता। जरूरत पड़ी तो दिल्ली जाएंगे और सरकार के माध्यम से पहलवानों का फैसला करवाएंगे।