अंबाला के जटवाड़ में स्थित एथनॉल फेल्ट्री में लगी भयंकर आग पर आखिरकार 45 घण्टे बाद काबू पा लिया गया है।

अंबाला के जटवाड़ में स्थित एथनॉल फेल्ट्री में लगी भयंकर आग पर आखिरकार 45 घण्टे बाद काबू पा लिया गया है। इस पूरे हादसे में लापरवाही किसकी निकलकर सामने आएगी यह तो फिलहाल जांच का विषय है। लेकिन इस भयंकर आग ने जहां एक कर्मचारी के जीवन को समाप्त कर दिया वहीं लगभग 4 करोड़ रुपये का एथनॉल भी जलकर खत्म हो गया।

फेक्ट्री के एथनॉल टैंकों में लगी भयंकर आग को लेकर जानकरी देते हुए फायर ऑफिसर तरसेम ने बताया कि आग एथनॉल के 4 टैंकों में लगी थी। जिस पर काबू पाने में उनकी टीम को लगभग 45 घण्टे का समय लग गया। टैंकों में एथनॉल की लाखों लीटर की मात्रा और टैंकों की ऊंचाई आग बुझाने के प्रयासों में सबसे बड़ी अड़चन पैदा कर रहे थे। फायर ऑफिसर ने बताया कि इस हादसे में फेक्ट्री के ही एक कर्मचारी की भी मौत हो गई है। जिसका शव आग बुझाने के दौरान एक टैंक के नजदीक पड़ा मिला। उन्होंने बताया कि इस हादसे में फेक्ट्री द्वारा दी जानकारी के मुताबिक 4 करोड़ का एथनॉल जलकर खत्म हो गया है। 
फेक्ट्री में लगी भयंकर आग की वजह से एक कर्मचारी की जान चली गई। इसे लेकर आग लगने के पहले दिन जब फेक्ट्री के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें मालूम नहीं था कि कोई कर्मचारी टैंकों की तरफ गया है। जब कंपनी के अधिकारियों से बात की गई तो एक तरफ वो कर्मचारी के टैंकों की तरफ जाने की जानकारी से खुद को अनजान बताते नजर आए तो वहीं दूसरी तरफ खुद यह बता रहे हैं कि कर्मचारी गेट से हाजरी लगाकर ही अंदर जाते हैं। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि ऐसे ज्वलनशील पदार्थ के टैंकों के नजदीक गये कर्मचारी की जानकारी आखिर कंपनी को क्यों नहीं थी। कंपनी के किस अधिकारी या कर्मचारी के कहने पर मृतक कर्मी एथनॉल के टैंकों के नजदीक गया?