खाकी पर लूट की साजिश का मामला हुआ दर्ज

पुलिस ने जबरन कोरे कागज पर उससे हस्ताक्षर करवाकर मामले को रफादफा कर मामले को फर्जी करार दे दिया। जबकि उसने डीएसपी के गनमैन से चार लाख रुपए की राशि ली थी

खाकी पर लूट की साजिश का मामला हुआ दर्ज

 हरियाणा पुलिस सवालों के घेरे में है।खाकी पर इस बार पर लूट की साजिश रच लूट करवाने का मामला दर्ज हुआ है ।शिकायतकर्ता के अनुसार एसपी के नाम पर मांगे थे डेढ लाख औऱ लूट की घटना को दिया था झूठा करार।गुमथला के सरपंच की शिकायत पर डीजीपी हरियाणा के आदेशों के बाद जठलाना के तत्कालीन एसएचओ  सीआईए वन के इंचार्ज समेत चार पुलिस कर्मियों पर धारा 120 बी 341 और 392 के तहत मामला दर्ज किया गया है।वही एसपी ने इस मामले में एसआईटी बनाकर जांच के आदेश दिए है

 

 

 क्यों हुआ खाकी पर लूट की साजिश रचने के और लूट का मुकदमा दर्ज।आखिर क्या है पूरी कहानी।आप सुनिए लूट का शिकार हुए गुमथला के सरपंच कृष्ण मेहता की जुबानी ।सरपंच ने बताया कि 7 जून को उनके साथ चाकू के दम पर 4 लाख की लूट हुई थी। रादौर के गनमैन ने उसे 10 लाख रुपए किसी को ब्याज पर देने की बात कही थी। जिसको लेकर 6 जून को दोपहर लगभग डेढ़ बजे उसके पास डीएसपी के गनमैन का फोन आया कि वह उसे ब्याज पर देने के लिए 7 जून को बुलाया। अगले दिन सात जून को सुबह पौने 11 बजे डीएसपी के गनमैन ने मॉडल टाउन यमुनानगर में गोबिंदपुरी रोड पर स्थित बिकानों के सामने उसे चार लाख रुपए की राशि किसी को ब्याज पर देने के लिए दी। अपनी स्कूटी की डिग्गी में पैसे रखकर अपने गांव गुमथला की ओर चला गया। 

 

 

 

इस दौरा पुलिस ने जबरन कोरे कागज पर उससे हस्ताक्षर करवाकर मामले को रफादफा कर मामले को फर्जी करार दे दिया। जबकि उसने डीएसपी के गनमैन से चार लाख रुपए की राशि ली थी। अपने को फसता देख डीएसपी के गनमैन ने राशि दिए जाने से इंकार कर दिया। उसका आरोप है कि पुलिस कर्मी ने ही उसके साथ लूटपाट करवाई है। लूटपाट में पुलिस का हाथ है। जबकि अब पुलिस ने मामले को फर्जी करार दे दिया है। इसके बाद उससे पुलिस द्वारा मामले को रफादफा करने व उसके विरूद्ध कार्रवाई न करने को लेकर उससे डेढ़ लाख रुपए की राशि की मांग की जा रही है। उससे डेढ़ लाख रुपए की राशि लेने के लिए जठलाना थाने का एक कर्मचारी उसके पेट्रोल पंप पर गुमथला आया था। जिसने यह राशि एसपी और डीएसपी के नाम पर लिए थे।सरपंच ने कहा कि उस वक्त उनकी कोई सुनवाई नही हुई हमे ही पागल करार दे दिया।फिर मैंने जिला 

 

उपायुक्त को सीएम विंडो और फिर डीजीपी हरियाणा के समक्ष जाकर उन्हें इस पूरे मामले की शिकायत दी।जिसमे अब जाकर इन पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।ये सेवा सुरक्षा की बात करते है लेकिन यहाँ सिर्फ  भ्रष्टाचार हो रहा है हम यही चाहते हैं कि जो गलत है जिन्होंने हमारे साथ गलत किया उन्हें सजा मिले अगर हम गलत हैं तो हमें सजा मिले लेकिन अब हमें इंसाफ की उम्मीद जगी है।वही जिन पुलिस कर्मियों पर ये मामला दर्ज हुआ है ।वो इसे बिल्कुल झूठा बता रहे है ।