योगी राज में आखिर क्यों तड़प  कर जान दे रहे है गौवंश माता कहे जाने वाली गायो की आये दिन होती है हत्या 

गौशालाओं में भी फंडिंग दी जाती है। ऐसे ये पैसा जा कहाँ रहा है। आखिर क्यों गोवंश दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। कचरे के ढेर पर मुँह मारते हुए नजर आते हैं। जितना ज्यादा योगी सरकार में गौ संरक्षण किया जा रहा है, उतने ही ज्यादा गोवंश आवारा घूम रहे हैं। 

योगी राज में आखिर क्यों तड़प  कर जान दे रहे है गौवंश माता कहे जाने वाली गायो की आये दिन होती है हत्या 

योगी राज में आखिर क्यों तड़प तड़प कर जान दे रहे गोवंश, गौ संरक्षण के बाद भी हालत जश के तश। माता कहे जाने वाली गाय का हाईवे पर मरना आखिर कब जाकर होगा बन्द यूपी के मुखिया माननीय योगी आदित्यनाथ जहाँ गौ संवर्धन की बात करते हैं। वहीं योगीराज श्रीकृष्ण की नगरी में ये गाय नित रोज आकस्मिक परिस्थितियों में मरने को मजबूर हैं। भले ही गौ सम्वर्धन के लिए सरकार द्वारा लाख दावे किए जाते हैं। उनके संरक्षण के लिए अनेकों गौशालाएँ खोली जाती हो।लेकिन ये सब वादे तब धराशाही होते हुए नजर आते हैं। जब गौवंश हाईवे पर आवारा घूमती हुई नजर आती हैं, अज्ञात वाहनों की चपेट में आकर घायल हो जाती हैं। और बाद में वहीं तड़प तड़प कर अपनी जान दे देती हैं। ऐसे में ग्रामीणों की सूचना पर न तो कोई भी गौरक्षक दल वहाँ पहुंचता है और न ही गौ सेवा हॉस्पिटल से कोई एम्बुलेंस।मानवीयता तब शर्मशार होती हुई नजर आती है, जब माता कहे जाने वाली गाय के शरीर को आवारा जंगली जानवर नोंचते हुए नजर आते हैं। मजाल है कि कोई भी उनके अंतिम संस्कार के लिए आगे आए। ऐसा ही कुछ नजारा गुरुवार की सुबह मथुरा जनपद के गाँव चौमुहां फ्लाईओवर पर देखने को मिला। जहाँ गुरुवार की रात दो आवारा गोवंश की, किसी अज्ञात वाहन के आगे आ जाने से मौके पर ही मौत हो गई। गौवंश का शव क्षत विक्षत हालत में राजमार्ग पर ही पड़ा रहा। घटनास्थल से हजारों वाहन निकलते रहे। लेकिन कोई भी उनको साइड में करने के लिए आगे नही आया। रात में आवारा जंगली जानवरों ने मृत गोवंश के शरीर को नौंच नौंच कर अष्ट विष्ट कर दिया। हाईवे  मृत पड़े गोवंश को आवारा कुत्ते अपना भोजन बनाते रहे। सुबह तक नजारा यह हो गया कि दुर्घन्ध के चलते राहगीरों का वहाँ से निकलना दुश्वार हो गया।ऐसे में जब संगठन भारतीय जनसेवक संघ के कार्यकर्ताओं को मृत गोवंश की सूचना मिली तो उन्होंने आनन फानन में इक्कठा होकर गोवंश को हाईवे से हटवा कर विधिविधान से उसका अंतिम संस्कार कराया। जहां गोवंशों को जमीन में दफनाया गया, उसके ऊपर एक पौधा लगाकर सभी कार्यकर्ताओं ने उसके संरक्षण की शपथ ली। संगठन के संस्थापक सौरभ सिसोदिया ने कहा कि सरकार गाय संरक्षण के लिए 900 रुपये महीने गौपालकों को देती हैं। गौशालाओं में भी फंडिंग दी जाती है। ऐसे ये पैसा जा कहाँ रहा है। आखिर क्यों गोवंश दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। कचरे के ढेर पर मुँह मारते हुए नजर आते हैं। जितना ज्यादा योगी सरकार में गौ संरक्षण किया जा रहा है, उतने ही ज्यादा गोवंश आवारा घूम रहे हैं।