मीडिया में सिविल अस्पताल की जर्जर बिल्डिंग की हालत दिखाए जाने के बाद अब प्रशासन ने खोली आँखें...

पुरानी बिल्डिंग का निरीक्षण किया। पीडब्ल्यूडी बीएंडआर के एक्सईएन नवनीत नैन ने कहा कि बिल्डिंग की हालत काफी खराब हो चुकी है। कई जगह तो ऐसी है कि उनकी रिपेयर तक नहीं हो सकती। बिल्डिंग निर्माण के बाद से इसकी देखरेख सही ढंग से नहीं की गई।

मीडिया में सिविल अस्पताल की  जर्जर बिल्डिंग की हालत दिखाए जाने के बाद अब प्रशासन ने खोली आँखें...

मीडिया में  सिविल अस्पताल की  जर्जर बिल्डिंग की हालत दिखाए जाने पर अब प्रशासन की आंखें खुलने लगी है  आज सिविल अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग को लेकर स्वास्थ्य विभाग और पीडब्ल्यू बीएंडआर के अधिकारियों के बीच लगभग एक घंटे तक सीएमओ कार्यालय में मंथन बैठक चली। इसमें सीएमओ डॉ. शशि अग्रवाल के अलावा पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सईएन नवनीत नैन मौजूद रहे।बैठक के बाद दोनों ही विभागों के अधिकारियों ने पीपी सेंटर, पुरानी बिल्डिंग का निरीक्षण किया। पीडब्ल्यूडी बीएंडआर के एक्सईएन नवनीत नैन ने कहा कि बिल्डिंग की हालत काफी खराब हो चुकी है। कई जगह तो ऐसी है कि उनकी रिपेयर तक नहीं हो सकती। बिल्डिंग निर्माण के बाद से इसकी देखरेख सही ढंग से नहीं की गई। पीपी सेंटर में छत के अंदर से सरिये नजर आ रहे हैं, जो पूरी तरह से गल चुके हैं। इसलिए पीपी सेंटर की कंडमनेशन की प्रक्रिया को लेकर सीएमओ की ओर पत्र जारी किया जाएगा और उसके बाद आगामी कार्रवाई शुरू की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि बाहरी हिस्सा रिपेयर करवाने लायक नहीं है और बजट खराब करने वाली बात है। इसलिए बाहरी छज्जों को तोड़ा जाएगा ताकि किसी को नुकसान नहीं पहुंचे। उन्होंने बताया कि लगभग 1 करोड़ 39 लाख रुपए की लागत बिल्डिंग की रिपेयर पर खर्च किया जाएगा। फिलहाल पुराने ठेकेदार ही इस पर काम करेगा और अगले सप्ताह तक काम शुरू करवा दिया जाएगा। बिल्डिंगके  बाहरी हिस्से की रिपेयरिंग नहीं हो सकती, इसलिए छज्जों को गिरवाया जाएगा। स्ट्रक्टर कंसल्टेंट को बुलाकर राय ली जाएगी। पानी के पाइप बाहर किए जाएंगे ताकि बिल्डिंग खराब न हो। शौचालय भी बनाए जाएंगे ताकि लोगों व डॉक्टरों को सुविधा हो सके। सीएमओ की ओर से कंडनमेशन का पत्र जारी होने के बाद बिल्डिंग कंडम घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।