जींद के सरकारी अस्पताल में कई सालों से गैर हाजिर चल रहे हैं डाक्टर

10डाक्टर हैं जो कि लबें समय से गैरहाजिर हैं और इन दिनों क्या कर रहें हैं और कहां है उसके बारे में स्वास्थ्य विभाग को कोई पता नही है खास बात यह हहै कि जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर साल पत्र भेजकर मुख्यालय को इन डाक्टरों की बर्खास्तगी की अनुशंसा की जाती है

जींद के सरकारी अस्पताल में कई सालों से गैर हाजिर चल रहे हैं डाक्टर

 जिला जींद स्वास्थ्य विभाग में कई- डॉक्टर मनमानी किए हुए हैं जो कि कई सालों से गैरहाजिर चल रहे हैं इसके बाद भी उनकी नौकरी सुरक्षित है सरकार ने अभी तक उनकी बर्खास्तगी के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया है जिले में ऐसे 10डाक्टर हैं जो कि लबें समय से गैरहाजिर हैं और इन दिनों क्या कर रहें हैं और कहां है उसके बारे में स्वास्थ्य विभाग को कोई पता नही है खास बात यह हहै कि जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर साल पत्र भेजकर मुख्यालय को इन डाक्टरों की बर्खास्तगी की अनुशंसा की जाती है,बावजूद इसके इन डाक्टरों के खिलाफ सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नही की जा रही है गैर हाजिर रहने वाले डाक्टरों को शुरूआत में वेतन भी मिलता रहा लेकिन बाद में विभाग ने इसे बंद कर दिया है जब काफी दिनों तक डयूटी पर नही आए तो नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया लेकिन इसके बाद भी डाक्टरों ने डयूटी ज्वाइन नहीं की इस पर जिला स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य महानिदेशक को संबधित डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखे गए इसके बावजूद न तो डाक्टरों ने डयूटि ज्वाइन की और न ही विभाग ने इनके खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया डाक्टरों के लबें समय से गैरहाजिर रहने का खामियाजा रोगीयों को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि डाक्टरों के स्वीकत पद कागजों में भरे हुए जबकि रोगाीयों को इन डाक्टरों की सेवाएं नही मिल रही है पहले ही जिला जींद में डाक्टरों का भारी अभाव है और इन डाक्टरों के न आने के कारण और डाक्टर भी इनकी जगह नही आ सकते इस बारें जींद सिविल सर्जन शशी पर्भा अग्रवाल ने बताया कि गैरहाजिर चलने वाले चिकित्सकों बारे मुख्यालय को अवगत करवाया जा चुका है उन्होने बताया कि इन चिकित्सकों को किसी प्रकार के वेतन का कोई भुगतान नही किया जा रहा है और इनके विरूद कार्रवाई का अधिकार केवल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को ही है