प्याज की बढ़ती कीमतों की मार झेल रहे ग्राहक .........

होलसेल सब्जी मंडी में सब्जी और प्याज लेने आये एक ढाबा मालिक संदीप बत्रा का कहना है वे अपने ढाबे में तड़का लगाने के लिए प्याज खरीदने आये थे लेकिन दाम सुन कर हैरान रह गए हैं। उनका कहना है कि ग्राहक बिना तड़के के सब्जी और दाल नहीं लेता वहीँ सलाद में प्याज जरुरी है। अगर वे खाने के रेट बढ़ाते हैं तो काम पर असर पड़ता है। लेकिन मज़बूरी है जितना महगा भी प्याज हो उन्हें तो खरीदना ही है। वहीँ हरबंस सिंह का कहना है घर के लिए प्याज खरीदने आये थे मगर 15 से 20 रुपये किलो वाला प्याज 45 से 50 रुपये किलो भाव मिल रहा है क्या करे ? खरीदना तो है इसका असर रसोई पर पड़ा है।

प्याज की बढ़ती कीमतों की मार झेल रहे ग्राहक .........

चुनावी मौसम में प्याज की बढती कीमतें का असर चुनाव पर पढ़ सकता है। पहले भी एक बार प्याज की बढ़ी हुई कीमतों ने भाजपा सरकार को नुक्सान पहुँचाया था। दिनों दिन बढ़ रहे प्याज के दामों से खफा ग्राहक अब प्याज की जगह अन्य चीज का तड़का लगाने या फिर कम प्याज से काम चलना चाहते हैं। गृहणियों का कहना है प्याज के दाम रसोई के बजट से ऊपर हो गए हैं और वे बिना प्याज के जीरा से रसोई का काम चला लेंगी, वहीँ आढ़तियों का कहना है महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बारिश और बाढ़ की वजह से कुछ दिन भाव बड़े हैं लेकिन नवरात्रों में नीचे आ सकते हैं। पिछले कुछ दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों में प्याज की कीमतें इस कदर बढ़ी हैं कि लोग बेहाल हो गए हैं, मौजूदा समय में प्याज के रिटेल दाम 45 से 50 रूपए प्रति किलो तक बिक रहा है।  जबकि आमतौर पर प्याज का रेट 15 से 20 रूपए के बीच ही रहता है।  प्याज की बढ़ती कीमतों में प्याज के कारोबारी को प्याज का स्टाक करना पड़ सकता हैं। हालांकि प्याज सब्जी मंडी में महंगे भाव मिल रहा, वहीं ग्राहक बढ़ रही कीमतों से परेशान हो गया है।मंडी में ग्राहक का कहना है कि वो प्याज से ज्यादा सेब खरीदना पसंद करेंगे क्योंकि सेब प्याज से कहीं सस्ता है और ताकतवर भी है। कई ग्राहकों का कहना है कि यह सब मौजूदा सरकार की देन है जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। वही मंडी में प्याज की खरीदारी करने आई महिलाओं ने जब प्याज के दुगने दाम सुने तो वे दंग रह गई और उनका कहना था कि पिछली बार की तरह इस बार भी प्याज जो है लोगों को खून के आंसू रुलाएगा। उनका यह भी कहना था कि वह अब प्याज की जगह सब्जी में जीरे का तड़का लगा कर ही रसोई का काम चलाएंगे। वहीं कुछ महिलाओं का यह भी कहना था कि जब से प्याज के दाम दोगुने हुए हैं उन्होंने अपनी सब्जी में प्याज को डालना ही बंद कर दिया है। वहीं प्याज के थोक एवं रिटेल व्यापारियों का कहना है कि एक हफ्ते से प्याज ने तेजी पकड़ी थी जहाँ से प्याज आता है वहां अधिक बारिश से इसकी आवक कम हो गई थी लेकिन अब प्याज मंडी में आने लगा  है। प्याज की आवक और सरकार द्वारा विदेशों से भी प्याज खरीदने से अब दस रुपये किलो रेट कम हुआ है आगे नवरात्रों में और सस्ता हो जाएगा।