चरखी दादरी : शारीरिक शिक्षा अध्यापक संघ ने पीटीआई की भर्ती का विरोध किया, पूर्व मंत्री को सौंपा ज्ञापन ...

उन्होंने कहा कि सरकार इन अध्यापकों के बारे में सोचे व जिससे ये अपने परिवार का पालन पोषण कर सके। ज्यादातर पीटीआई अध्यापक 40 से 45 की आयु से अधिक के हैं। कोर्ट केस में एक भी नियुक्त अध्यापक दोषी नहीं पाया गया है भर्ती एजेंसी ही दोषी पाई गई है। उसके ऊपर ही सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए न की अध्यापकों को मानसिक रूप से परेशान किया जाए। वहीं पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने ने कहा कि वे उनकी मांग को उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के सम्मुख रखेंगे व उनके साथ किसी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

चरखी दादरी : शारीरिक शिक्षा अध्यापक संघ ने पीटीआई की भर्ती का विरोध किया, पूर्व मंत्री को सौंपा ज्ञापन ...

चरखी दादरी ( प्रदीप साहू ) चरखी दादरी। साहब... पीटीआई की नौकरी चली गई, अब तो उनकी भर्ती के लिए उम्र भी नहीं बची है। ऐसे तो उनके समक्ष आजिविका के लिए कुछ बचा ही नहीं। वे पिछले 10 साल से नौकरी पर रहते हुए सेवाएं दे रहे हैं। सरकार ने उनकी भर्ती रद्द करवा दी।। अगर आप उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के माध्यम से पीटीआई की भर्ती पर रोक लगावा दें तो शायद उनकी नौकरी बच सकती है। क्योंकि सरकार द्वारा कोर्ट के आदेश पर पीटीआई की भर्ती रद्द करते हुए नई भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।यह पीड़ा उन पीटीआई शिक्षकों की है जो वर्ष 2010 में भर्ती हुए थे और कोर्ट के आदेश पर सरकार द्वारा भर्ती रद्द कर दी गई। जिला शारीरिक शिक्षा अध्यापक संघ के बैनर तले हटाए गए पीटीआई शिक्षक दादरी में पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान से मिले और ज्ञापन सौंपते हुए अपनी व्याथा सुनाई। संघ के जिला उपप्रधान हरेंद्र सिंह की अगुवाई में उन्होंने कहा कि अध्यापक भले ही कोर्ट में केस हार चुके हैंं, लेकिन सरकार को इनके 10 वर्षों के अनुभव को देखते हुए सेवा सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। जो याचिकाकर्ता उस समय रह गए थे राज्य सरकार उन्हें भी विभाग में लगा सकती थी, लेकिन सरकार ने ऐसा ना करके इन अध्यापकों के पद दोबारा भर्ती के लिए विज्ञप्ति कर करवा दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इन अध्यापकों के बारे में सोचे व जिससे ये अपने परिवार का पालन पोषण कर सके। ज्यादातर पीटीआई अध्यापक 40 से 45 की आयु से अधिक के हैं। कोर्ट केस में एक भी नियुक्त अध्यापक दोषी नहीं पाया गया है भर्ती एजेंसी ही दोषी पाई गई है। उसके ऊपर ही सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए न की अध्यापकों को मानसिक रूप से परेशान किया जाए। वहीं पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने ने कहा कि वे उनकी मांग को उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के सम्मुख रखेंगे व उनके साथ किसी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा