भाजपा ने 15 सीटें विपक्ष के लिए छोड़ी, 75 पर करेगी कब्जा

फसल बीमा योजना के तहत हरियाणा में सबसे अधिक दावा राशि दी गई है। किसानों, पंचायत प्रतिनिधियों की बदौलत सर्वश्रेष्ठï बागवानी, किसान बंधु, गौरत्न, प्रधानमंत्री से कृषि कर्मण अवार्ड, वर्ष 2018 में ग्रामीण स्वच्छता पुरस्कार, फार्मिंग लीडरशिप के पुरस्कार मिल चुके हैं। इ

भाजपा ने 15 सीटें विपक्ष के लिए छोड़ी, 75 पर करेगी कब्जा

 चरखी दादरी (प्रदीप साहू ) || चरखी दादरी। विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां मैदान में उतरते हुए सत्ता की कुर्सी की जंग के लिए तैयार हैं। हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने विपक्षी पार्टियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा 75 पार के नारे पर विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतर चुकी है, 15 सीटें विपक्ष के लिए इसलिए छोड़ी हैं ताकि विपक्ष भी बना रहे। क्योंकि इस समय कोई विपक्ष ही नहीं है, कोई पारिवारिक तो कोई पार्टी संकट से जूझ रहा है। हरियाणा में भाजपा सत्ता बनाने के लिए मैदान में डटी हुई है, दूसरी पार्टियां दूर से लालची नजरों से मैदान को ताक रही हैं। कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ दादरी में देश के श्रेष्ठï कृषि मंत्री का पुरस्कार मिलने के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान धनखड़ ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि भाजपा इस बार हरियाणा में रिकार्ड जीत दर्ज कर इतिहास रचने की ओर अग्रसर है। भाजपा की नियत व नीति को देखते हुए दूसरी पार्टियों के नेता व कार्यकत्र्ता शामिल हो रहे हैं। एक सवाल के जवाब में धनखड़ ने कहा कि इनेलो के कुछ नेताओं की परफोरमेंश अच्छी, भाजपा पार्टी में उनकी सेवाओं की है जरूरत। वहीं उन्होंने दूसरी पार्टियां छोडक़र आने वालों को नसीहत देते हुए कहा कि किसी की टिकट की गारंटी नहीं, कार्यकत्र्ता बनकर पार्टी के लिए कार्य करें। चुनाव लडऩे के सवाल पर कहा कि पार्टी जो भी निर्णय लेगी वहीं से चुनाव लडऩे को तैयार हैं। सम्मान समारोह के दौरान कृषि मंत्री ने अपने देश के श्रेष्ठï कृषि मंत्री का पुरस्कार को हरियाणा के प्रत्येक खेतिहर मजदूर, किसान को समर्पित करने की बात कही। कहा कि किसानों, ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों की मेहनत के परिणामस्वरूप ही आज हरियाणा को पूरे भारत में सम्मान की दृष्टिï से देखा जाता है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा के किसान को खाद के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ता। किसान को फसल खराब होने पर देश में सबसे अधिक 12 हजार रूपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जा रहा है।