मॉरीशस में अंतरराष्ट्रीय मैराथन में गोल्ड जीत चुके यमुनानगर के छछरौली एरिया के नवाज़पुर गांव के खिलाड़ी अनिल को आज भी सरकार की और से मदद का इंतज़ार

और उन्हीं की मदद से मैं स्पोर्ट्स खेलता हूं अब सरकार ने जो फिट इंडिया मूवमेंट चलाया है लेकिन जो खिलाड़ी है ।वह इतना फिट भी रहते हैं और देश का नाम भी रोशन करते हैं लेकिन सरकार उनके बारे में नहीं सोचती मेरी यही मांग है कि सरकार ऐसे खिलाड़ी को भी ध्यान में रखें और उनके लिए भी कुछ करें।

मॉरीशस में अंतरराष्ट्रीय मैराथन में गोल्ड जीत चुके यमुनानगर के छछरौली एरिया के नवाज़पुर गांव के खिलाड़ी अनिल को आज भी सरकार की और से मदद का इंतज़ार

 मॉरीशस में अंतरराष्ट्रीय मैराथन में गोल्ड जीत चुके यमुनानगर के छछरौली एरिया के नवाज़पुर गांव के खिलाड़ी अनिल को आज भी सरकार की और से मदद का इंतज़ार है।एथलीट अनिल का कहना है कि वो राज्य स्तर राष्ट्रीय स्तर और अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन कर चुके है लेकिन आज तक उनकी तरफ ध्यान नही दिया गया।एक तरफ सरकार फिट इंडिया मूवमेंट चला रही है लेकिन खिलाड़ियों की तरफ ध्यान नही दिया जा रहा ।अनिल ने कहा कि वो स्वास्थ्य मंत्री को भी कई बार पत्र लिख चुके है वही हरियाणा विधानसभा स्पीकर ने अपने स्तर पर इनकी मदद की थी। लेकिन आज भी मुझे इंतज़ार हैकि सरकार मेरी मदद करे और खेल पॉलिसी के अनुसार जो राशि दी जानी चाहिए वो भी मिले और नोकरी भी दी जाए। अपनी जीत की यादों और अंतरराष्ट्रीय मैराथन में में भारत के लिए गोल्ड जीत चुका अनिल अब भी उन लम्हो को याद करते हुए बोला कि मैंने स्टेट नेशनल और इंटरनेशनल खेला है स्टेट में मेडल आया है नेशनल में अभी मॉडल आया है ।और इंटरनेशनल में मेरा गोल्ड मेडल है देश का पहला मैडम मैंने जीता था मैराथन के अंदर रियो गेम जो हुए थे एशिया और यूरोप के बीच में इंटरनेशनल एडमिट से जिसमें देश के लिए मेडल जीतकर देश का नाम ऊंचा किया अपने शहर का नाम ऊंचा किया यह मैराथन 16 जुलाई 2017 को हुई थी मैं अभी कुछ भी नहीं कर रहा हूं इंतजार कर रहा हूं कि सरकार क्या सोचती है 

हमारे लिए यह जो खेल पॉलिसी है राज्य स्तरीय की उसके अनुसार जो खेल नीति बनाई गई थी हमारे स्टेट के अंदर उसके अंतर्गत एक धनराशि भी रखी गई थी इंटरनेशनल खिलाड़ियों को धन राशि दी जाएगी लेकिन इस राशि के अनुसार जो पॉलिसी चेंज हो गई और जो हमारी गिनती इसमें विकलांग और मेंटल अपसेट खिलाड़ियों को ही धनराशि दी जा रही थी लेकिन अब मुख्यमंत्री खट्टर जी ने इस पॉलिसी को चेंज कर दिया और इस पॉलिसी के अंतर्गत हम इस श्रेणी में आ गए मैं तो यही मांग करता हूं स्टेट से और मौजूदा सरकार से कि जो खिलाड़ी धनराशि से वंचित रह गए हैं और नौकरी से वंचित रह गए हैं उनको उनकी उपलब्धि के अनुसार ही नौकरी दी जाए ।ताकि वह देश के लिए अच्छा काम कर सकें वहीं अगर बात करें जैसे अगर लड़के को प्रॉपर डाइट नहीं मिलेगी धनराशि नहीं मिलेगी वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगा क्योंकि खिलाड़ियों का खर्चा बहुत होता है हमने सरकार को चार बार लेटर लिखे हैं और विधानसभा अध्यक्ष को भी लेटर लिखा है विधानसभा अध्यक्ष ने मुझे अपने पर्सनल लेवल पर मुझे मदद की है और कोच फार्मा कंपनी की तरफ से हेल्प करी है और तब जाकर मैंने इंटरनेशनल खेला है मेरे पास गुजारा करने के लिए कुछ ऐसा खास नहीं है लेकिन एक छोटा सा स्पॉन्सर है जो आनंद दुबे सर ने दिया हुआ है